शिर्डी: मोदी सरकार की योजना प्रायोजित गोल्ड मॉनीटाइजेशन स्कीम के तहत इसमें चार दिनों पूर्व ही सिद्धिविनायक मंदिर ने अपनी तरफ से तकरीबन चालीस किलो सोना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा प्रायोजित गोल्ड मॉनीटाइजेशन स्कीम में देने का निर्णय लिया है. इसके बाद अब शिर्डी का विश्व प्रसिद्ध साईं मंदिर भी मोदी सरकार की योजना प्रायोजित गोल्ड मॉनीटाइजेशन स्कीम के तहत इसमें 200 किलो सोना देगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिर्डी के विश्व प्रसिद्ध साईं मंदिर की देखरेख कर रहे केयरटेकर की मंशा है की 200 किलो सोना सरकार के पास जमा करा दिया जाए। लेकिन इसमें एक परेशानी सामने आ रही है.
जिसमे यह है की बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है की भक्तों से मिलने वाले सोने को मंदिर ट्रस्ट पिघला नहीं सकता है। गौरतलब है की मार्च 2012 में हाईकोर्ट ने शिर्डी के दो नागरिकों की ओर से दायर की गई जनहित याचिका के बाद से ही शिर्डी साईं मंदिर के 15 सदस्यों की कमेटी को भंग कर दिया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने इसके लिए तीन सदस्यीय पैनल का एक गठन किया था. इसमें कोर्ट ने ट्रस्ट के भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोने, चांदी और हीरे के आभूषणों की नीलामी पर स्टे लगा दिया था.
इसमें इन याचिकाकर्ताओं ने कहा था की दर्शनार्थियों के द्वारा बाबा पर चढ़ाए गए कीमती आभूषण भगवान के लिए है न कि धन उगाहने के उद्देश्य के लिए. बता दे कि शिर्डी के साईं मंदिर के पास में 380 किलो सोना है। अगर मंदिर 200 किलो सोना भी अगर मोदी सरकार की योजना प्रायोजित गोल्ड मॉनीटाइजेशन स्कीम के तहत देता है तो उसे तकरीबन 1.25 करोड़ रुपए सालाना ब्याज मिलेगा. बता दे कि शिर्डी साईं बाबा का मंदिर भारत का सर्वाधिक धनी और देश का पांचवा सबसे धनी मंदिर है.