भारत की एक ऐसी कंपनी जिसके शेयरों की कीमत 24 जनवरी 2020 को 3.32 रुपये प्रति शेयर थी, वह आज 1367.20 रुपये पर कारोबार कर रही है. इस कंपनी का अधिग्रहण स्वामी रामदेव की कंपनी पतंजलि ने पिछले साल ही पूरा किया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं रूचि सोया की.
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वह निवेशक खुशनसीब ही होंगे जिन्होंने इस कंपनी के शेयर कम दाम पर खरीदे होंगे. 18 दिसंबर 2019 से 23 जून 2020 तक रूचि सोया के शेयरों ने निवेशकों को 39,119.88 फीसद का रिटर्न दिया है. पिछले कई दिनों से लगातार इसके शेयरों में अपर सर्किट लग रहा है. आइए, स्मॉल कैप श्रेणी की इस कंपनी के शेयरों की चाल पर एक नजर डालते हैं और शेयर बाजार के विशेषज्ञों से जानते हैं कि इस शेयर में क्या अब भी निवेश किया जा सकता है.
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इसके अलावा सीएनआई रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल ने कहा कि रूचि सोया के 99 फीसद शेयर कैंसिल हो गए थे. ऐसे में अगर देखें तो शेयरों की कीमत अगर 2,700 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंचती है तो यह इसका ब्रेक-इवन प्वाइंट होगा. मतलब, नो प्रॉफिट-नो लॉस की स्थिति आएगी. वही, केडिया एडवाइजरी के संस्थापक और निवेशक अजय केडिया कहते हैं कि शेयरों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है और इसमें अपर सर्किट लगता आ रहा है. ऐसे में जो निवेशक इसमें अल्पावधि का निवेश कर मुनाफा कमाना चाहते हैं उन्हें शेयरों की खरीदारी से बचना चाहिए. हां, अगर कोई तीन से पांच साल तक के लिए निवेश करना चाहता है तो उसे थोड़ा-थोड़ा कर इस शेयर की खरीदारी करनी चाहिए. अभी इस शेयर की कीमतें कंसोलिडेट करेंगी.
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