नवरात्रि शुरू होने में कुछ ही पलों का समय बचा हुआ है. जी दरअसल इस बार नवरात्र का आरम्भ 17 अक्टूबर यानी कल से हो रहा है. आप जानते ही होंगे नवरात्रि के समय में नौ दिन होते हैं और हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में कल यानी 17 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन है यानी कि मां शैलपुत्री की अराधना का दिन। आप सभी को बता दें कि मां का यह रूप भक्तों को मनचाहे वरदान का आशीर्वाद देता है। कहा जाता है नवरात्रि के पहले दिन घर में कलश स्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ऐसा मान्यता है कि इनकी पूजा से चंद्र दोष से मुक्ति भी मिल जाती है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं माँ की आरती और मंत्र जो आपको पहले दिन बहुत ही धूम धाम के साथ पढ़नी चाहिए.
मां शैलपुत्री की आरती: -
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।
मां शैलपुत्री के मंत्र: -
– ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:
– ऊँ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
– वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
– या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
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