नोटबन्दी ने प्रचार छोड़ कार्यकर्ताओं को लाइन में लगाया
नोटबन्दी ने प्रचार छोड़ कार्यकर्ताओं को लाइन में लगाया
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शहडोल - 19 नवंबर को होने वाले शहडोल लोक सभा उप चुनाव का नजारा इस बार मोदी की नोटबन्दी ने  बदल दिया है. मतदान में दो दिन शेष बचे हैं. कार्यकर्ता  झंडा बैनर छोड़कर  बैंक व एटीएम की लाइन में नजर आ रहे हैं. इससे चुनावी माहौल प्रभावित हुआ है. चुनाव के ऐन वक्त पर 500 और एक हजार के नोट बंद होने से चुनाव पर असर पड़ा है.

नोटबन्दी के फैसले से भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता काफी निराश हैं. नोट बदलने के कारण कार्यकर्ताओं के हाथ कुछ नहीं लग पा रहा है जबकि दोनों पार्टियों का अच्छा चुनावी बजट है. चुनाव की चिंता छोड़ कार्यकर्ता अब अपने घर की जरुरतों की चिंता में भटक रहा है. कार्यकर्ता बेमन से प्रचार कर रहे हैं.

नोटबन्दी का असर यह हुआ है कि बड़े नेता भी बड़े नोटों का प्रभाव नहीं दिखा पा रहे हैं, क्योंकि 500 और 1000 के नोट चल नहीं रहे और बिना धन के चुनाव नहीं जीते जाते. कार्यकर्ताओं की भी मज़बूरी है कि पार्टी से जुड़े हैं तो तालमेल बनाकर काम करना है, लेकिन चेहरे मुरझाये हैं.

कांग्रेस पार्टी के एक बड़े कार्यकर्ता ने कहा कि नोट का असर हम पर ही तो पड़ा है. 500 और 1000 के नोट चल नहीं रहे. एटीएम से दो हजार रुपए निकल रहे हैं वह भी लम्बी मशक्कत के बाद, वहीँ भाजपा के एक जिम्मेदार पदाधिकारी चुनाव प्रचार छोड़कर चुनाव कार्यालय के आसपास घूमते रहे इसके बाद बैंक में जाकर लाइन में लग गए.कुल मिलाकर नोट बन्दी ने दोनों पार्टियों को बुरी तरह प्रभावित किया है.इस कारण शहडोल उप चुनाव के नतीजों पर जरूर असर पड़ेगा.

नोट बन्दी पर आज दोनों सदनों में हंगामे के आसार

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