जबलपुर: ये कहानी है दो भाई बहन के मिलन की. दोनों भाई बहन एक दूसरे से 9 वर्ष पहले बिछड़ गए है. उमेश अब 17 और नेहा की उम्र 14 साल की हो गई है. दोनों का मिलाप 11 जून को हुआ.ऐसा लग रहा है मानो दोनों के मिलने और बिछड़ने की कहानी किसी फिल्म की तरह है लेकिन दोनों किसी मैले में नहीं बल्कि 5 किलोमीटर की दूरी पर एक दूसरे से जुदा हुए. लेकिन किसी ने इन बिछड़े भाई बहन को मिलाने की कोशिश नहीं की .इनके परिवार के लोगो ने भी इन्हे ढूढ़ने की जहमत नहीं उठायी.
ऐसे हुए थे जुदा
दोनों जब एक दूसरे से बिछड़े तो उमेश 8 साल और उसकी बहन 5 साल की थी. पिता पहले ही इस संसार से चल बसे और पिता की मौत ने मां को मानसिक रूप से बीमार कर दिया. माँ को बीमारी के चलते मानसिक आरोग्य शाला ग्वालियर भेज दिया गया. दोनों बच्चे तब से घमापुर स्थित अपनी बुआ के यहाँ रहने लगे थे.
दोनों को सताती थी माँ की याद
दोनों बच्चे अपनी मा की याद में तड़पते थे और एक दिन माँ की तलाश में घर से निकल गए. उन्हें समझा बुझा कर घर लाया गया लेकिन बच्चो को मा बिना चैन नहीं मिल रहा था. वे फिर माँ को तलाशने निकलने लेकिन फिर से उन्हें घर पहुंचा दिया गया. लेकिन बच्चो ने माँ को ढूंढने की ठान ली थी और वे अब ऑटो में बैठ कर माँ की तलाश में निकल गए. ऑटो वाले ने बच्चो को पुलिस थाने पंहुचा दिया. दोनों को अपनी बुआ का घर याद नहीं था और पुलिस भी पता लगाने में असफल रही. ऐसे में पुलिस ने भाई को बालगृह गोकलपुर और बहन को राजकुमारी बाई बाल निकेतन शास्त्रीब्रिज में भेज दिया. इस वजह से दोनों एक शहर में रहकर भी नहीं मिल सके.
आंटी ने निभाया नेगेटिव रोल
अपने चाचा के बच्चों को ढूंढ निकालने वाली मीना सिंह पालीवाल ने जानकारी दी कि दोनों बच्चों की बड़ी बहन राखी को आंटी ने पढ़ाया लिखाया और उसकी शादी भी की. लेकिन आंटी ने पता होते हुए भी यह बात राखी से राज रखी.आंटी हर थोड़े समय में बच्चो से मिलने जाती थी लेकिन इसकी जानकारी कभी बच्चो के परिवार वालो को नहीं दी.
ऐसे हुआ परिवार से मिलन
आंटी इस बात का राज ज्यादा दिन तक राखी से नहीं छुपा पायी. बच्चो के बारे में भी राखी को कुछ दिन पहले ही मालुम हुआ. 15 दिन पहले बड़ी बहन राखी अपने पति के साथ गोकलपुर स्थित बालगृह में अपने भाई बहन से मिलने पहुंची. दोनों भाई बहन ने राखी को तुरंत पहचान लिया. भाई ने अपने बहन के बारे में भी राखी को जानकाारी दी. उमेश ने बताया की उसकी छोटी बहन राजकुमारी बाई बाल निकेतन में है.नेहा से मिलने भी परिवार पहुंच गया.
सम्पूर्ण मामला बाल कल्याण समिति के ध्यान में लाया गया. जिसे समिति के अरुण जैन और नीता गुप्ता ने सुलझाने में सहायता की. लेकिन बड़ी बहन राखी का का आरोप है कि राजकुमारी बाई बाल निकेतन वालों ने उनकी बहन की वापसी में अड़चने पैदा की है. लेकिन बिछड़े हुए को मिलने से कोई भी नहीं रोक पाया.
अरुण जैन, बाल कल्याण समिति सदस्य ने बताया की "ये बात आश्चर्य में डालती है कि इतने साल बाद भाई-बहन आपस में मिले. मामले में परिवार की मीना सिंह और सगी बड़ी बहन ने खुद अपने छोटे भाई बहन को ढूंढने में सफलता हासिल की".मीना सिंह पालीवाल ख़ुशी जाहिर करते हेु कहती है की " मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मेरे भाई बहन मुझे दोबारा मिल गए. इसके लिए हमे बहुत दिनों तक लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ा. अब हम दोनों के बेहतर भविष्य देने का प्रयास करेंगे.