नेपाल में आए भूकंप से चारो तरफ सन्नाटा से छा गया है. भूकंप आने के तीन दिन बाद वहां के लोगों को दवाओं और भोजन कि भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अपने देश लौटने के लिए काठमांडू के त्रिभुवन एयरपोर्ट पर हजारों भारतीयों की भीड़ जमा हो गई है. भूंकप के बाद घायल हुए और बेघर हुए लोगों के लिए नेपाल में दवाइयों और भोजन कम पड़ रहे हैं.
नेपाल के लोगों को इन बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है और सरकार उन्हें सामान वितरित करना चाहती है. नेपाल ने भारत, चीन और अन्य देशों से अविलंब सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है. नेपाल में कई हजार लोग ठंडे मौसम में पिछले दो दिनों से खुले में रात बिता रहे हैं और बुनियादी चीजों की मांग कर रहे हैं. नेपाल के मुख्य सचिव ने कहा, "हम कठिन परिस्थितियों में रह रहे भूकंप पीड़ितों को पीने का पर्याप्त पानी, सूखा भोजन, चटाइयां और दवाएं वितरित कराने में समर्थ नहीं हैं."
उन्होंने कहा कि सरकार तेजी से बचाव कार्य करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है." वही दूसरी और नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हजारों की तादाद में भारतीय इकट्ठे हो गए हैं. वे सभी दो दिन पहले आए भीषण भूकंप के बाद अपने घर जाने के लिए बेताब हैं और वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं. नेपाल के लिए राहत सामग्री ले जा रहे विमान ने अभी तक 2,000 भीरतीयों को बाहर निकाल लिया है.
निजी भारतीय विमानन कंपनियों ने भी नेपाल से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है. काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीयों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहा है. इसके अलावा दूतावास ने उन भारतीयों की आर्थिक सहायता करने का भी वादा किया है जिनके पास धन नहीं बचा है.
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