नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने साफ कर दिया कि वो प्राइवेट डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए समय सीमा में विस्तार नहीं करेगा। डीजल टैक्सियों को सीएनजी में परिवर्तित करने की समय सीमा आज समाप्त हो रही है।
इसी कारण टैक्सी मालिकों ने कोर्ट में अर्जी दी कि मार्केट में डीजल गाड़ियों को सीएनजी में तब्दील करने की कोई तकनीक नहीं है। इसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टैक्सी मालिकों से कहा कि पहले ही आपको काफी समय दिया जा चुका है। अब तक आपको इसके अन्य विकल्पों के बारे में सोचना चाहिए था।
अब और अधिक समय हम आपको नहीं दे सकते। बाद में आएं। एक अनुमान के अनुसार, करीब 70 हजार डीजल टैक्सियां है। रैडियो टैक्सी की भांति शहर के परमिट वाली टैक्सियों को कर में छूट दी गई है। लेकिन ओला और उबर को अपनी टैक्सियों को सीएनजी में तब्दील करवानी होगी।
उच्चतम न्यायालय ने हरित उपकर के भुगतान पर दिल्ली पुलिस को 2000 सीसी या इससे अधिक सीसी के उसके 190 डीजल वाहनों के पंजीकरण की अनुमति दी है। हाइ कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को भी डीजल चालित पानी के उसके नए टैंकरों का परिवहन प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनुमति दी है।