लखनऊ : हाल ही में राज्यपाल राम नाईक द्वारा दिए बयान जिसमें उन्होंने उतर प्रदेश प्रशासन में ‘एक जाति विशेष के लोगों के वर्चस्व’ की बात कही थी. जिस पर समाजवादी पार्टी ने सोमवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस संवैधानिक पद की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं.
सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा आए दिन राज्य सरकार के खिलाफ जिस तरह के अमर्यादित बयान दिए जा रहे. इससे राज्यपाल पद की गरिमा समाप्त हो गई है और इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति को महामहिम कहना भी अब लज्जा जनक लगने लगा है.
राज्यपाल पद से हटें नाईक
महासचिव ने कहा कि सपा प्रधानमंत्री से अनुरोध करती है कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को राज्यपाल पद से हटाकर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दे, जिससे वह और बेशर्मी के साथ सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर सकें.
मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है राज्यपाल का बयान
सपा के राष्ट्रीय महासचिव उन्होंने कहा कि यूं तो राज्यपाल रोजाना ही कोई न कोई बयान सरकार के खिलाफ देते हैं, लेकिन अभी कुछ दिन पहले उनके द्वारा दिया बयान कि ‘उत्तर प्रदेश प्रशासन में एक जाति विशेष के वर्चस्व से वह चिंतित हैं’ राज्यपाल के मानसिक दिवालियापन को दर्शाने के लिए काफी है.