गंगा जल को लेकर धर्मनगरी हरिद्वार में एक नई बहस छिड़ गई है. जहां, एक तरफ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में गंगा के पानी को पवित्र और पीने लायक शुद्ध बताया है, तो वहीं मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने सीएम पर पलटवार करते हुए उन्हें गंगा जल पीने की चुनौती दी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में गंगा जल को पवित्र और पीने योग्य बताते हुए साध्वी पद्मावती के अनशन को निरर्थक बताया था. सीएम ने कहा था कि उत्तराखंड में गंगा पवित्र और अविरल है. इसके लिए किसी साधु संत को अनशन करने की आवश्यकता नहीं है. उत्तराखंड की धरती अनशन के लिए नहीं है. यहां साधुओं को अनशन नहीं, पूजा पाठ करना चाहिए.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि , गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हरिद्वार के मातृ सदन आश्रम में साध्वी पद्मावती पिछली 15 दिसंबर से अनशन पर हैं.वहीं सीएम त्रिवेंद्र के बयान पर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने पलटवार करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार गंगा स्वच्छता के लिए कुछ नहीं कर रही है. यदि मुख्यमंत्री गंगाजल को इतना ही पवित्र मानते हैं तो वो हरिद्वार में आकर बोतल का पानी क्यों पीते हैं, उन्हें गंगा जल पीना चाहिए.
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