नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के सामने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा से एमएफ हुसैन (MF Hussain) की एक पेंटिंग खरीदने के लिए विवश किया गया था। उन्होंने बोला कि जिस राशि का भुगतान किया गया था उसका इस्तेमाल गांधी परिवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के उपचार के लिए किया था।
आपको बता दें कि ये बात संघीय धन शोधन रोधी एजेंसी (Federal Anti-Money Laundering Agency) की तरफ से दायर आरोपपत्र में सामने आई है। इतना ही नहीं, राणा कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय के सामने कई दावे किए। राणा ने प्रवर्तन निदेशालय को कहा कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने उनसे बोला था कि यदि वह एमएफ हुसैन की पेंटिंग नहीं खरीदेंगे तो उन्हें गांधी परिवार के साथ सिलसिले बनाने में समस्या होगी। साथ ही, उन्हें 'पद्म भूषण' पुरस्कार भी नहीं प्राप्त हो पाएगा।
एजेंसी के अनुसार, राणा कपूर का बयान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यस बैंक के सह-संस्थापक, उनके परिवार, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर कपिल तथा धीरज वधावन सहित अन्य के खिलाफ विशेष अदालत में दायर दूसरे पूरक आरोपपत्र (कुल मिलाकर तीसरा) के तहत दर्ज किए गए है। राणा कपूर ने दावा किया कि उन्होंने 2 करोड़ रुपये के चेक का भुगतान किया था। तत्पश्चात, मिलिंद देवड़ा ने उन्हें कहा था कि बिक्री की आय का इस्तेमाल गांधी परिवार द्वारा न्यूयॉर्क में सोनिया गांधी के उपचार में किया गया था। कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि सोनिया गांधी के नजदीकी अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि सोनिया गांधी के उपचार के लिए सही वक़्त पर गांधी परिवार की सहायता करके उन्होंने अच्छा काम किया है। लिहाजा 'पद्म भूषण' पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा। इसके साथ-साथ राणा कपूर ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए बयान में दावा किया है कि वर्ष 2010 में मुरली देवड़ा ने राणा कपूर से बोला था कि यदि वह पेंटिंग नहीं खरीदेंगे को उन पर और यस बैंक पर इसका प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है।