अरब देशों में रमज़ान के महीने में काम हो जाता है बंद
अरब देशों में रमज़ान के महीने में काम हो जाता है बंद
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जैसे आजकल सभी लोग दिन और तारिख ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से देखकर चलते हैं, वैसे ही मुस्लमान हिजरी कैलेंडर के अनुसार चलते हैं. इस कैलेंडर का नौवा महीना रमज़ान होता है, जिसे अरबी भाषा में रमदान कहते हैं. पूरी दुनिया में फैले सभी मुस्लिम भाइयों के लिए रमज़ान का पाक महीना एक बड़ा उत्सव होता है, जिसे बरकती माना जाता है. कहा जाता है कि इस महीने में आसमान से अल्लाह की तरफ से रहमतें और बरकतें आती हैं.

रमज़ान का यह पाक महीना दुनिया के लगभग हर शहर में एक साथ ही मनाया जाता है. लेकिन टाइम के हिसाब से इसके सेहरी और इफ्तार के समय में फेर बदल होता रहता है. अरब देशों की बात करें तो वहां का तापमान दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा रहता है. इसिलए सऊदी अरब के साथ अक्सर दुबई, ओमान, बेहरीन, क़तर और कई मुस्लिम देशों में रमज़ान के समय सारा काम रातों में होता है.

सुबह सेहरी के वक़्त सभी मुसलमान भाई खाना खाकर आराम करते हैं. क्योंकि वहाँ की झुलसा देने वाली गर्मी के कारण रोज़े की हालत में लोगों की जान पर बन सकती है. इसिलए वहाँ दिन में आराम और रात में काम किया जाता है. इफ्तार के बाद सभी लोग तरावीह की नमाज़ अदा करके अपने-अपने काम पर निकल जाते हैं. इस पाक महीने में किसी पर काम का कोई प्रेशर भी नहीं दिया जाता है और ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत की जाती है.

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