राजनाथ ने साहित्य या पद्म पुरस्कार लौटाने को बताया गहरा षडयंत्र
राजनाथ ने साहित्य या पद्म पुरस्कार लौटाने को बताया गहरा षडयंत्र
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नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लेखकों और कुछ प्रमुख व्यक्तियों द्वारा पद्म एवं साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाने की आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया. उन्होने इस बात पर आश्चर्य जताते हुए सवाल किया कि वे तब क्या कर रहे थे, जब कांग्रेस के शासन में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे. तब इस तरह का कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया.

राजनाथ ने कहा कि कोई यह कैसे कह सकता है कि देश में अब असहिष्णुता बढ़ गई है, जबकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में कही भी कोई बड़ी सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है. उन्होने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया है. उस समय कई राज्यों में सांप्रदायिक दंगे हुए. यहाँ तक कि एक ही राज्य में 4000 से 5000 लोग मारे गये. उस समय किसी ने अपना इस्तीफा नहीं दिया.

सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं उन्होंने कहा कि यदि कोई विरोध जताना चाहता है तो इसके कई तरीके हो सकते हैं. यदि किसी को सम्मान दिया जाता है, जो राष्ट्रीय गौरव का संकेत हो, तो उसे विरोध के तौर पर लौटाना, ऐसी बात है जो मेरी समझ से परे है.

गृह मंत्री ने कहा कि राज्य में होने वाली घटना के लिए केंद्र सरकार को दोष देना गलत है. उन्होने कहा कि यदि हम राज्य की व्यवस्था मेन हस्तक्षेप नहीं कर सकते. यह एक गहरा षड्यंत्र है जिसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

बता दें कि लेखकों, फिल्मकारों एवं इतिहासकार अपने अपने सम्मान लौटा रहे हैं. हाल ही मेन वरिष्ठ वैज्ञानिक पी. एम. भार्गव ने भी अपना पद्म भूषण पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.

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