कश्मीर के घाव पर मरहम लगाने पहुंचे राजनाथ, बातचीत के लिये दी खुली दावत
कश्मीर के घाव पर मरहम लगाने पहुंचे राजनाथ, बातचीत के लिये दी खुली दावत
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श्रीनगर : केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कश्मीर के घाव पर मरहम लगाने के लिये कश्मीर पहुंच गये है। वे यहां दो दिनों तक रूककर न केवल राज्य के राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे वहीं उन्होंने इंसानियम और शांति में विश्वास रखने वाले लोगों को भी अपने से अपने से बात करने करने के लिये खुली दावत दी है। राजनाथ ने चर्चा की दावत कश्मीर पर जाने के पूर्व ट्वीट कर दी है। 

गौरतलब है कि बीते करीब एक माह से कश्मीर में हालात बेकाबू है और कश्मीर समेत आस-पास के कई इलाके कर्फ्यू के साये में है। बुधवार की सुबह राजनाथ सिंह नई दिल्ली से कश्मीर के लिये रवाना हुये। वे वहां नेहरू गेस्ट हासउ में ठहरकर स्थिति का जायजा लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे उन लोगों से बातचीत करने के लिये तैयार है, जो इंसानियत और शांति बहाल करने में विश्वास रखते है। सिंह ने उम्मीद जाहिर की है कि उनका कश्मीर दौरा सफल रहेगा।

मेहबूबा हो गई थी नाराज इसलिये

हाल ही में देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कश्मीर को लेकर बयान देते हुये यह कहा था कि सरकार कश्मीर में पत्थर फेंकने वालों से बातचीत नहीं करेगी, फिर भले ही वहां इन लोगों को सत्याग्रही क्यों न माना जाता है। बताया गया है कि जेटली के इस बयान से जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नाराज हो गई थी और उन्हें मनाने के लिये ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने तुरत-फुरत राजनाथ को कश्मीर भेजा है। आपको बता दें कि कश्मीर में पीडीपी सरकार को भाजपा ने समर्थन दिया है।

पैसों के लिये फेंकते है पत्थर

सूत्रों के हवाले से समाचार मिले है कि कश्मीर के अधिकांश युवा बेरोजगार है और इसका बेजा फायदा ही वहां के अलगाववादी उठा रहे है। ये अलगाववादी न केवल युवाओं को बरगालने का काम कर रहे है वहीं चंद रूपयों का लालच देकर इनसे पत्थरबाजी भी करवाने से बाज नहीं आ रहे है। 

युवाओं को देंगे रोजगार-

बताया जाता है कि कश्मीर के युवाओं को रोजगार देने के लिये राजनाथ वहां कोई घोषणा कर सकते है। चुंकि कश्मीर के युवा बेरोजगार होकर अलगाववादियों के हाथों की कठपुतली बने हुये है, इसलिये सरकार यह चाहती है कि युवाओं को न केवल रोजगार दिया जायें वहीं उन्हें अलगावादियों के चंगूल से भी आजाद करा दिया  जाये। सरकार का मानना है कि यदि युवाओं के पास काम होगा तो वे रूपयों के लालच में पत्थरबाजी नहीं करेंगे। सूत्रों के अनुसार राजनाथ स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों में युवाओं को भर्ती करने के लिये घोषणा कर सकते है।

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