राजीव महर्षि बने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
राजीव महर्षि बने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
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नईदिल्ली। राजीव महर्षि को भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक बनाया गया। इसके पहले वे गृह सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। कंट्रोलर एंड आॅडिटर जनरल आॅफ इंडिया के पद को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने उन्हें शपथ दिलवाई। इस हेतु राष्ट्रपति भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। राजीव महर्षि का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।

हालांकि इस पद पर व्यक्ति का कार्यकाल 6 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु सीमा तक होता है। महर्षि के कार्यकाल के पहले शशिकांत शर्मा महालेखा परीक्षक का पद संभाल रहे थे। महर्षि ने गृहसचिव के पद पर दो वर्ष का कार्यकाल बीते माह पूर्ण किया था। इस पद पर वे निर्धारित अवधि तक ही नियुक्त रहे। राजीव महर्षि ने ग्लासगो यूनिवर्सिटी आॅफ स्ट्रेथक्लाइड से एमबीए की शिक्षा प्राप्त की है।

महर्षि राजस्थान राज्य और केंद्र सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक सेवा का लंबा अनुभव है। वे राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1978 बैच के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। गौरतलब है कि कैग की रिपोर्ट को संसद व विधानसभा में पेश किया जाता है। कैग केंद्र सरकार व राज्य सरकार के खातों के आॅडिट को लेकर कार्य करता है।

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