सम्मेद शिखरजी के लिए 4 दिन में दूसरे जैन संत ने त्यागे प्राण, क्यों नहीं सुन रही झारखंड सरकार ?
सम्मेद शिखरजी के लिए 4 दिन में दूसरे जैन संत ने त्यागे प्राण, क्यों नहीं सुन रही झारखंड सरकार ?
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जयपुर: जैन समुदाय के पवित्र तीर्थस्थान सम्मेद शिखरजी के लिए एक और जैन मुनि ने कल (5 जनवरी) जयपुर के जैन मंदिर में अपने प्राण त्याग दिए। 4 दिनों के अंदर दूसरे संत ने अनशन पर बैठे रहने के दौरान प्राण त्यागे हैं। इससे पहले मंगलवार (3 जनवरी) को एक जैन मुनि ने 9 दिन प्रदर्शन के दौरान देह त्याग दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के सांगानेर स्थित संघीजी दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समर्थ सागर लगभग 3 दिनों से आमरण अनशन कर रहे थे। गुरुवार देर रात 1 बजकर 20 मिनट के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली।

आज यानी शुक्रवार (6 जनवरी) की सुबह लोगों को जैसे ही इस संबंध में पता चला, वह मंदिर पहुँचने लगे। इसके बाद संत मुनि सागर की डोल यात्रा संघीजी मंगिर से विद्यानगर तक निकाली गई और फिर जैन रीति-रिवाजों के साथ उन्हें समाधि दे दी गई। मुनि सागर के देहावसान की खबर सुनने के बाद जैन संत ये कहते दिखाई दिए कि जब तक झारखंड सरकार सम्मेद शिखर को तीर्थ स्थल नहीं घोषित कर देती, तब तक मुनि ऐसे ही बलिदान देते रहेंगे। मुनि समर्थ सागर का बलिदान भी सदैव याद रखा जाएगा। संत मुनि सागर को उनके गुरु आचार्य सुनील सागर महाराज के सानिध्य में समाधि दी गई।

इस दौरान आचार्य सुनील सागर ने कहा है कि मुनि समर्थ सागर महाराज के पास गुरुवार को भाजपा के कई बड़े पदाधिकारी पहुंचे थे, मगर उन्होंने यही कहा था कि जब तक झारखंड सरकार अपना फैसला स्पष्ट नहीं करेगी, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। इस अनशन को करने के दौरान उन्होंने अन्न-जल सब त्याग रखा था। इससे पहले जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार (3 जनवरी) को सम्मेद शिखर के लिए अपना देह त्याग दिया था। जिसे लेकर आचार्य शशांक सागर महाराज ने कहा है कि जयपुर में 2 मुनियों ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए अपना बलिदान दे दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कम से कम यहाँ आकर जैन समुदाय का समर्थन करना चाहिए।

बता दें कि झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन तीर्थ स्थान पर पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी को केंद्र सरकार की तरफ से रोक दिया गया है। केंद्र के फैसले के बाद अब जैन समुदाय झारखंड सरकार के फैसले की प्रतीक्षा कर रहा है। आज समग्र जैन समाज की तरफ से मौन जुलूस निकाला जाना था, जिसे फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

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