देशव्यापी लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र में सिकंदराबाद के दो वर्षीय बच्चे के लिए अनिवार्य औषधि में ऊंटनी के दूध की जरूरत थी, जिसे राजस्थान से ही पूरा किया जा सकता था. चूंकि कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बीच ट्रेनें बंद हैं, लेकिन मध्य रेलवे ने इसके लिए पश्चिम रेलवे से सहयोग मांगा और आखिरकार 28 घंटे के बीच ऊंटनी के दूध की बेहद जरूरी मांग को भारतीय रेलवे ने संयुक्त प्रयास से पूरा कर दिखाया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मध्य रेलवे, मुंबई डिवीजन के मुख्य वाणिज्यिक निरीक्षक जितेंद्र मिश्रा ने मीडिया को बताया कि 25 अप्रैल को पश्चिम रेलवे के फालना (राजस्थान) के नोडल अधिकारी ने हमसे संपर्क किया और कहा कि वह तत्काल यहां से अनिवार्य औषधि में प्रयोग होने वाले सामान का एक पार्सल सिकंदराबाद में भेजना चाहते हैं, कृपया उन्हें पार्सल ट्रेनों की जानकारी दे दें.
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अपने बयान में आगे जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पार्सल ट्रेनों का शेडयूल देखा और उन्हें तुरंत सूचित किया कि यदि उनका पार्सल राजस्थान से ट्रेन 00902 लुधियाना-बांद्रा टर्मिनस पार्सल ट्रेन से बांद्रा पहुंच सकता है तो इसे 00111 सीएसएमटी-सिकंदराबाद पार्सल ट्रेन से 26 अप्रैल को निधार्रित स्थान पर पहुंचा दिया जाएगा. उसके बाद मिश्रा के सहयोग से पार्सल इसी तरह राजस्थान से बांद्रा होता हुआ सिकंदराबाद पहुंच गया. पार्सल के खर्चे की गणना कोविड19 पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन से लिए लागू दर पर राजस्थान के फालना से बांद्रा टर्मिनल होते हुए सीएसएमटी से सिकंदराबाद तक की दूरी के अनुसार की गई.
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