उज्जैन : उज्जैन संभाग के किसानों ने जहां अपने फल उत्पादों को मालवा फ्रेश ब्राण्ड के नाम से देश की मंडियों में उतारा है वहीं अब एक कदम आगे बढ़कर मसाला और सब्जियों के ऑन लाइन विक्रय के लिये बायर-सेलर प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। इससे सीधे जहां लाखों किसान एकजुट होकर एक जैसी फसल का उत्पादन करेंगे वहीं खरीददारों को यह सुविधा रहेगी कि वे फसल बोने के पूर्व ही अपनी आवश्यकता अनुसार सब्जी और मसाला फसलों का सौदा बड़े पैमाने पर किसान प्रोड्यूसर कंपनियों से कर सकेंगे। किसान प्रोड्यूसर कंपनी अब मालवा फ्रेश एग्रो प्रोडक्ट के नाम से पोर्टल तैयार कर रही है। इसी सिलसिले में संभागायुक्त के साथ जावरा की विश्व माता कृषक प्रोड्यूसर कंपनी के कृषक श्री भेरूलाल पाटीदार श्री हरिराम शाह श्री देवेन्द्र शर्मा एवं पोर्टल विकसित करने वाले एड्वाइजर श्री विकास पाण्डेय एचडीएफसी बैंक के प्रतिनिधियों ने बैठकर विचार.विमर्श कर मार्ग दर्शन प्राप्त किया। जितनी मात्रा में एग्रीमेंट हो उतना हो प्रोडक्शन बैठक में संभागायुक्त ने बताया कि यह पोर्टल केवल मार्केटिंग के लिये नहीं होगी बल्कि यह प्रोडक्शन कंपनी का पोर्टल होगा इसलिये प्रोड्यूसर कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जितनी मात्रा का एग्रीमेंट वे बायर के साथ कर रहे हैं उतना प्रोडक्शन करके सम्बन्धित को डिलेवरी की जाना तय हो।
उन्होंने ट्राय पार्टी एग्रीमेंट का फार्मेट तैयार करने के साथ ही रजिस्ट्रेशन फार्म एवं जानकारी को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बनाने के निर्देश दिये हैं। संभागायुक्त ने खेत से लेकर गोडाउन तक की सभी गतिविधियों को चिन्हित कर प्रत्येक गतिविधि में लगने वाले व्यय का आंकलन करने एवं इस व्यय को कम करने के लिये क्या किया जा सकता हैए इस पर विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पोर्टल पर किसानों की बेसिक जानकारी उपलब्ध रहना चाहिये जिसमें प्रत्येक प्रोड्यूसर कंपनी के किसान के पास कितनी जमीन उपलब्ध है उपलब्ध जमीन में से वह कितने क्षेत्र में मसाला फसलों का उत्पादन करेगा व कितने क्षेत्र में सब्जी लगायेगाए यह भी स्पष्ट किया जाना आवश्यक है। बोने से पहले पोर्टल पर ऑर्डर रजिस्टर्ड संभागायुक्त ने उदाहरण देते हुए बताया कि फसल बोने के पहले ही ऑर्डर पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना चाहिये।
जैसे कि आलू खरीददार किस वेरायटी का आलू कितनी मात्रा में चाहता है, आलू के भाव के लिये बेस मंडी क्या होगी, किसानों की संस्था की कैपेसिटी कितनी है व कंपनी का प्रोडक्शन प्लान क्या है यह जानकारी पोर्टल पर प्रदर्शित होनी चाहिये। संभागायुक्त ने इसी के साथ बैंकर्स से चर्चा में किसान कंपनियों को किस तरह से फायनेंस किया जा सकता हैए इस पर विचार करने को कहा है। उन्होंने एसएफएसी द्वारा दी जाने वाली गारंटी का उपयोग भी इस उद्देश्य के लिये करने को कहा है। सिंहस्थ मेले में उत्तम गुणवत्ता के सब्जियां.फल बैठक में बताया गया कि किसान उत्पादक कंपनियां मेला क्षेत्र में दुकानें किराये पर ले सकेंगी तथा उनके माध्यम से जैविक सब्जियांए फल तथा अन्य फसल उत्पाद बेच सकेंगी। इससे एक ओर लोगों को उत्तम गुणवत्ता के सब्जी.फल मिल सकेंगेए वहीं किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिल सकेगा। दुकानों के लिये किसान उत्पादक कंपनियां मेला कार्यालय में आवेदन कर सकती हैं।