पंजाब: एक ही दिन में पराली जलाने की 2000 घटनाएं, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी भी बेअसर, क्या सख्ती दिखाएगी AAP सरकार ?
पंजाब: एक ही दिन में पराली जलाने की 2000 घटनाएं, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी भी बेअसर, क्या सख्ती दिखाएगी AAP सरकार ?
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चंडीगढ़: बुधवार (8 नवंबर) को पंजाब में खेतों में आग लगने की घटनाएं एक ही दिन में 2000 का आंकड़ा पार कर गईं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को पराली जलाने पर "तत्काल" रोक सुनिश्चित करने का निर्देश देने के एक दिन बाद चिंताजनक संख्या दर्ज की गई। इस बीच पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पुलिस और सिविल प्रशासन को पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ FIR दर्ज करने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 

पंजाब के DGP गौरव यादव ने पुलिस अधिकारियों को पराली जलाने से रोकने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया। DGP यादव ने पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी के लिए विशेष DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला को पुलिस नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने खेतों की आग पर डेटा प्राप्त करने के बाद जिला मजिस्ट्रेटों और सीपी/एसएसपी को संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर रोजाना समीक्षा बैठक करने को कहा है। इस बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि गांववार पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। यदि किसी भी थानेदार के अधिकार क्षेत्र में पराली जलाने की कोई घटना हुई पाई गई तो उसके खिलाफ त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कथित तौर पर, 12 निर्देश जारी किए गए हैं। इलाके के SHO के सीधे नेतृत्व में पुलिस की गश्ती पार्टियां तेजी से पराली जलाने पर रोक लगाने का काम करेंगी। प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टरों द्वारा पहले गठित क्लस्टर टीमों से पुलिस और नागरिक प्रशासन टीमों के साथ संवाद करने का आग्रह किया गया है। प्रत्येक जिले को अब सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा, प्रत्येक की कमान एक राजपत्रित पुलिस अधिकारी के पास होगी। जिलाधिकारी और SSP को नियमित स्थलीय निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, कलेक्टरों और SSP को इन-सीटू और एक्स-सीटू पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक समाधान का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है।

लुधियाना में पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को 2,003 नई घटनाओं के साथ पंजाब में खेतों में आग लगने की कुल तादाद बढ़कर 22,981 हो गई है। 2003 की ताजा घटनाओं के आंकड़ों से पता चलता है कि संगरूर 466 पराली जलाने की घटनाओं के साथ रैंकिंग में अग्रणी रहा, इसके बाद बठिंडा में 221, बरनाला में 216, फरीदकोट में 150, मनसा में 131, पटियाला में 106, फिरोजपुर में 103 और लुधियाना में 96 थे। बता दें कि, 15 सितंबर से 8 नवंबर के बीच खेतों में लगी आग के 22,981 मामलों में से सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले - 4,070 - के साथ संगरूर शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद फिरोजपुर में 2,176, तरनतारन में 1,888, मनसा में 1,719, पटियाला में 1,524, अमृतसर में 1,454, बठिंडा में 1,436, बरनाला में 1,129, लुधियाना में 1,089 और फरीदकोट में 1,014 लोग हैं।

किसानों को रोकने गए अफसर से ही जलवा दी पराली:-

ये घटना राज्य के बठिंडा में हुई थी। जहाँ एक अफसर किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए पहुंचे थे, लेकिन किसानों ने उन्हें घेरकर, जबरन उनसे ही पराली में आग लगवा दी। संबंधित सरकारी अधिकारी किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए तैनात की गई टीम का हिस्सा था। अधिकारी को लगभग 50 से 60 किसानों ने घेर लिया था, जो सभी एक विशेष कृषि संगठन से जुड़े हुए थे। भीड़ के दबाव में उसे पास के एक खेत में ले जाया गया और पराली के ढेर में आग लगाने के लिए मजबूर किया गया। आयुक्त ने अधिकारी का बचाव करते हुए कहा कि जब इतने बड़े समूह का सामना करना पड़ा, तो उनके पास किसानों की मांगों को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यह घटना चिंताजनक स्तर की अराजकता को दर्शाती है, जिस पर उपायुक्त ने जोर दिया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गांव का दौरा करने और यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को उचित परिणाम भुगतने होंगे।

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