नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय की दो महिला प्रोफेसर्स सहित 11 माओवादी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी व्यक्ति की हत्या कर दी है। दरअसल नक्सल प्रभावित सुकमा में शामनाथ बघेल की हत्या हो गई थी। शामनाथ बघेल की पत्नी ने माओवादियों के विरूद्ध शिकायत की थी। इस मामले में वुमन प्रोफेसर्स को जांच में शामिल करने हेतु बस्तर पुलिस ने दोनों विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है।
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार आईपीसी - 120 बी, 302, 147, 148, 149 के तहत आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर दिया गया है। पुलिस द्वारा जिन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है उनमें नंदिनी सुंदर डीयू प्रोफेसर, अर्चना प्रसाद जेएनयू प्रोफेसर, विनीत तिवारी, जोशी अधिकार संस्थान, दिल्ली, संजय पराटे सीपीएम सचिव, छत्तीसगढ़ प्रमुख तोर पर शामिल हैं। अब पुलिस इनसे पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों से पूछताछ करने के लिए जल्द ही दल दिल्ली पहुंचेगा। इस मामले में जानकारी मिली है कि प्रोफसेर नंदिनी सुंदर ने नाम बदलकर ग्रामीणों से चर्चा की थी। हालांकि एमसीपी के नेता संजय पराते ने आरोपों को नकार दिया है। गौरतलब है कि माओवादियों के समर्थन में आरोपी ग्रामीण आदिवासियों बरगला रहे थे।
जब बघेल ने उनका विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया। जब शामनाथ बघेल नहीं माने तो उनकी हत्या कर दी गईग्। स्थानीय स्तर पर सुक्षा दस्ता तक माओवादियों के सपोर्टस ने बना लिया था। बघेल की हत्या 4 नवंबर को धारदार हथियारों से की गई थी। इस मामले में पुलिस जांच में जुटी हुई है बघ् ोल की पत्नी की बातों पर भी पुलिस ध्यान दे रही है।