स्टोकहोम्स : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा स्वीडन की राजधानी स्टोकहोम्स पहुंचे हैं। यही नहीं राष्ट्रपति स्वीडन और बेलारूस की पांच दिवसीय यात्रा पर गए हुए हैं। यही नहीं किसी भी राष्ट्र अध्यक्ष द्वारा इस तरह के देशों की पहली यात्रा दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा इस तरह की यात्रा के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने की संभावना जताई गई है। यही नहीं श्री मुखर्जी की स्वीडन यात्रा विवाद की ऐसी पृष्ठभूमि में हो रही है। यही नहीं स्वीडिश समाचार पत्र में भी इस मामले को लेकर टप्पणी की गई थी। विदेश मंत्रालय द्वारा इस तरह की अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। इस मुद्दे पर मुखर्जी की इस यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम बनाए जाने के बाद राष्ट्रपति के महाराजा और महारानी से भेंट करने के ही साथ प्रधानमंत्री स्टीफन लिवेन, विपक्षी नेता अन्ना कोर्नबर्ग बेट्रे और स्वीडिश संसद के अध्यक्ष से भेंट की जा सकती है। स्वीडन की तीन दिन की यात्रा के तहत राष्ट्रपति यूरोप के लोकप्रिय और अतिप्राचीन विश्वविद्यालय को देखने जा सकते हैं। जिसकी स्थापना 1471 में की गई है। यही नहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के विदेश जाने से पूर्व भारत में राष्ट्रपति भवन में उनका अभिनंदन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्तमंत्री अरूण जेटली समेत अन्य सेनाओं के अध्यक्ष मौजूद थे।