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बिहार/पटना : पटना उच्च न्यायालय के शताब्दी समारोह का उद्घाटन शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच़ एल़ दत्तू भी मौजूद थे। राष्ट्रपति के पटना उच्च न्यायालय पहुंचने पर खास धुन बजाकर उनका स्वागत किया गया।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय का स्वर्णिम इतिहास रहा है तथा इसके फैसले ने कई मानदंड स्थापित किए हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा और मूलभूत अधिकारों के संरक्षण में न्यायपालिका की अहम भूमिका है।
समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति दत्तू ने पटना उच्च न्यायालय के स्वर्णिम इतिहास को याद किया तथा कानून का राज स्थापित करने में पटना उच्च न्यायालय के योगदान पर प्रकाश डाला।
केन्द्रीय कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस मौके पर कहा कि केन्द्र सरकार लंबित मामलों की संख्या घटाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
उन्होंने न्याय प्रणाली को आसान बनाने पर भी जोर दिया।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना उच्च न्यायालय के स्वर्णिम इतिहास को याद करते हुए कहा कि यह न्यायालय लोकतंत्र का प्रमुख स्तंभ है और यह विशिष्ट स्थान रखता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कानून का राज स्थापित करने में न्यायपालिका की अहम भूमिका है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से न्यायपालिका को पूरा सहयोग देने का वादा किया।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एल़ नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि बिहार महापुरुषों की धरती रही है। पटना उच्च न्यायालय में देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने भी वकालत की है, यह इसके गौरव को और बढ़ाता है।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने एक डाक टिकट भी जारी किया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति शुक्रवार को ही पटना पहुंच गए थे।
पटना उच्च न्यायालय के एक सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में यह वर्ष शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।