Apr 20 2016 02:00 PM
देहरादून : उत्तराखंड में लगाए गए राष्ट्रपति शासन विवाद का मामला उलझता जा रहा है। नैनीताल हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान बुधवार को काफी गरमा-गरमी वाली बहस चली। केंद्र सरकार का पक्ष रखने आए एएसजी ने कोर्ट में कहा कि राष्ट्रपति के फैसले पर हाई कोर्ट को दखल देने का हक नहीं है।
इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति का आदेश किसी राजा का फैसला नहीं है, इसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है। एएसजी ने कहा कि राज्य विधानसभा के ज्यादातर सदस्य मौजूदा सरकार ने खुश नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को भी केंद्र ने 35 विधायकों की बात कही थी,
लेकिन राष्ट्रपति को राज्यपाल ने जो चिठ्ठी लिखी है, उसमें इस बात का जिक्र नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि वोटों के बंटवारे के संबंध में एक दिन पहले ही जानकारी मिल गई थी, लेकिन इसके बावजूद राज्यपाल ने अपने पत्र में कुछ नहीं लिखा, क्यों।
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