कोलकाता : नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के बाद अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी सदन को व्यवस्थित तरीके से चलाने की सलाह दी है। ज्ञात हो कि संसद में विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का गतिरोध जारी है। इसी कड़ी में रविवार को राष्ट्रपति ने कोलकाता विश्वविद्यालय के शताबदी हॉल में 3 डी फार्मूला दिया। जिसका अर्थ है D-Debate (बहस), D-Decent (सभ्य), D-Decision (निर्णय)। उनका कहना है कि इन्हीं तीनों फार्मूले के साथ संसद की कार्यवाही चलनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने इन तीनों के अलावा चौथी डी नही सुनी है। बता दें कि गुरुवार को पवार ने अपने जन्म दिवस के मौके पर सोनिया गांधी की मौजूदगी में कहा था कि संसद चलेगी तभी देश का विकास होगा। मुखर्जी ने कहा कि ऐसा करने और व्यवधान उत्पन्न करने के लिए और भी जगहें है। मुखर्जी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। ये बातें संसद के शीतकालीन सत्र में चल रहे विरोध के संदर्भ में बली गई है।
भारत-जापान के बीच हुए असैन्य परमाणु समझौते पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हम पहले भी अमेरिका, रूस और दूसरे देशों के साथ असैनिक परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। यह सिलसिला उनके विदेश मंत्री रहते शुरू हुआ था। इस कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने हावड़ा के सलकिया में 51 फीट लंबी शिव की मूर्ति का उद्घाटन किया। यह पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा है। अपने भाषण में मुखर्जी ने कहा कि देश के हर नागरिक को भयमुक्त और एकता का माहौल मिलना चाहिए। सभी धर्म प्यार और मानवता का संदेश दें।
गंगा की सफाई पर मुखर्जी ने कहा कि गंगा के साफ रखने के लिए उसमें गंदगी नही फेंकी जानी चाहिए। गंगा की सफाई ही उसकी पूजा है। गंगा को केंद्र में रख जो सभ्यता विकसित हुई है उसे ध्यान में रख कर इसकी सफाई सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने पंच मुखी सबसे लंबी मूर्ति तैयार करने के लिए सेठ वंशीधर जालान स्मृति मंदिर की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि मंदिर के ट्रस्टियों को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गंगा को साफ रखने के लिए उसमें कोई गंदगी नहीं फेंके। ट्रस्ट का एक उद्देश्य गंगा की सफाई करने का भी होना चाहिए।