लखनऊ : आउटलुक द्वारा जून 2014 के अंक में उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सबसे खराब सीएम का खिताब दिया गया। इसका चौतरफा विरोध भी हुआ। कई कॉपियों को आग में भी झोंका गया। जिसके मुखिया ऐसे है, उनके राज के सेवक कैसे होंगे। अब इस खिताब के टाइटल को और पुख्ता करते हुए बदहाल युपी के डीजीपी जगमोहन यादव ने एक विवादित बयान दे डाला है। जगमोहन यादव का कहना है कि इतने बड़े राज्य में छोटी-बड़ी घटनाएँ होती रहती है। कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे इसकी गारंटी नही ली जा सकती।
डीजीपी ने कहा कि बढ़ती क्राइम की घटनाओं को पुलिस फोर्स बढ़ाकर भी नही रोका जा सकता है। डीजीपी पंचायत चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने पहुँचे थे, इसी दौरान मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होने ये सारी बातें कही। इसके बाद पब्लिक की तौहीन करते हुए वो बोले कि क्राइम की घटनाओं के बाद पब्लिक का सड़कों पर आकर हंगामा करना और पुलिस के खिलाफ नाराज़गी जताना कोई बड़ी बात नहीं होती है। इनसे कहा गया है कि थोड़ी देर में वो खुद ही शांत हो जाएँगे, इसलिए कार्रवाई की बजाए शांति से बैठो।
डीजीपी के अनुसार, पुलिस कोई मिलिट्री फ़ोर्स नहीं होती कि हंगामा करने वालों पर गालियां बरसाना शुरू कर दे। इस दौरान उतर प्रदेश के गृह विभाग के मुख्य सचिव देवाशीष पांडा ने कहा कि यूपी में होने जा रहे ग्राम प्रधान चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। केंद्र से पैरा मिलिट्री फ़ोर्सेज की भी माँग की गई है। हालांकि केंद्र से फ़ोर्स नहीं मिलने पर भी चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करा दिया जाएगा।