वाॅशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपस में इस कदर जुड़ गए हैं कि दोनों ही देशों को इसका लाभ मिल रहा है। अमेरिका के शीर्ष जलवायु परिवर्तन अधिकारी द्वारा कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल जलवायु परिवर्तन पर ही नहीं मिले बल्कि इन दोनों के बीच अन्य मसलों पर भी चर्चा हुई। ये दोनों ही नेता एक मजबूत रचनात्मक संबंध विकसित करने में सफल रहे। जलवायु परिवर्तन के मसले पर अमेरिका के विशेष दूत टाॅड स्टर्न ने इस मसले पर अपने विचार व्यक्त किए।
राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य एक मजबूत रिश्ता भी जुड़ा। इस तरह का रिश्ता केवल जलवायु परिवर्तन तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि यह विस्तृत रहा। इस मामले में अधिकारी द्वारा कहा गया कि अमेरिका और भारत के संबंधों में एक अच्छी बात यह रही कि चार माह में राष्ट्रप्रमुखों के दो दौरों का आयोजन हुआ।
दरअसल सितंबर वर्ष 2014 में ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा किया तो फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जनवरी माह में भारत के अतिथि बने। इसके बाद तो भारत और अमेरिका के संबंध और मजबूत हो गए। जलवायु परिवर्तन को लेकर अमेरिका ने भारत की आवश्यकताऐं समझीं और उस अनुरूप भारत को सलाह भी दी। अधिकारी द्वारा कहा गया कि यह असाधारण किस्म का तथ्य रहा कि करीब 4 माह के अंदर राष्ट्रप्रमुखों के दो दौरे किए गए।
दोनों ही देशों के नेताओं द्वारा फोन पर भी बेहद आत्मीयता के साथ चर्चा की जा रही है। मामले में यह भी कहा गया कि न्यूयाॅर्क में यूएन काउंसिल की बैठक के अलावा भी दोनों नेताओं ने अपने हितों पर चर्चा की। यही नहीं यह चर्चा गर्मजोशीयुक्त थी वहीं सरकारात्मक और मैत्रीपूर्ण भी रही।