सुनवाई के बाद जनहित याचिका को वापस नही लिया जा सकता हैः SC
सुनवाई के बाद जनहित याचिका को वापस नही लिया जा सकता हैः SC
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नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर करने वाले वकील को धमकियां दी जा रही है। अब तक उन्हें 500 बार धमकी भरे कॉल आ चुके है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी भी जनहित याचिका की सुनवाई यदि एक बार अदालत में शुरु हो जाती है, तो उसे वापस नही लिया जा सकता।

अदालत ने कहा है कि देश के संविधान के मुताबिक हमें नियम का पालन कराना आता है, लेकिन जनता के हितों व अधिकारों से जुड़े मामलों में याचिका वापस नही ली जा सकती है। सर्वोच्च अदालत का कहना है कि सुनवाई शुरु होने के बाद याचिकाकर्ता बदल सकता है, लेकिन सुनवाई किसी भी हाल में बंद नहीं होगी। 2006 में एक अन्य वकील के साथ मिलकर इंडियन यंग लॉयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद अहमद खान ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर याचिका दायर की थी।

इसके बाद से उन्हें 500 बार धमकी भरे फोन आ चुके है। खान ने सुरक्षा की मांग की है। उनकी याचिका पर कोर्ट सोमवार को सुनवाई कर सकती है। हांलाकि वकील खान को पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध कराई है। कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर प्रशासन पर सवाल उठाया था कि आखिर मंदिर में इस तरह प्रवेश पर पाबंदी कैसे लगाई जा सकती है, जब तक मंदिर को संविधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हो। खान को केरल, तमिलनाडु के अलावा विदेशों से भी धमकियां मिल रही है।

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