ऊर्दू में स्पीच नहीं देने पर पाकिस्तानी PM के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
ऊर्दू में स्पीच नहीं देने पर पाकिस्तानी PM के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर मुसीबतों के पहाड़ टूट पड़े हैं। एक ओर भारत के साथ शांति वार्ता न करने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर उन्हें खरी-खरी सुननी पड़ी है तो दूसरी ओर उनके अपने ही देश में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का सामना करना पड़ा है। जी हां, उनका कसूर केवल इतना ही था कि उन्होंने ऊर्दू में स्पीच नहीं दी। यूएन जनरल असेंबली में उन्होंने इंग्लिश में स्पीच दी। इस दौरान उन पर आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री नवाज ने अपराध किया है और पाकिस्तानी संविधान के आर्टिकल 204 के अंतर्गत उनके विरूद्ध न्यायालय अवमानना का वाद दायर किया गया है। जिसे लेकर पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर को केंद्र और क्षेत्रीय सरकारों द्वारा आदेश दिया गया कि उर्दू को आॅफिशियल तौर पर उपयोग करें। मियां जाहिद गनी ने पिटीशन दायर कर आरोप लगाया गया कि इंग्लिश में स्पीच देकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का उल्लंघन किया गया। पिटीशन के अनुसार रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, क्यूबा के राष्ट्रपति राऊल कास्त्रो, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी आदि ने बैठक में अपनी-अपनी भाषा का उपयोग किया था।

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