कहते हैं भाग्य में संतान सुख है या नहीं इसका प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीजों में होता है. जी हाँ, जैसे कुंडली या हस्त रेखाओं में. अगर आपकी कुंडली नहीं है तो आप हाथ की रेखा को देखकर संतान के बारे में जान सकते हैं. संतान रेखा भाग्य में संतान सुख की एक बेहद अहम निशानी है और कहा जाता है संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं. कहते हैं बुध पर्वत यानि छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है और वहीं मौजुद खड़ी रेखाएं संतान रेखा मानी जाती है.
इसी के साथ संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगुठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा आदि. इन सभी के कारण भी उस रेखा को कष्ट झेलना पड़ता है. कहा जाता है अगर संतान रेखा स्पष्ट हैं तो इसका अर्थ है संतान अच्छी और माता पिता का सम्मान करने वाली होगी लेकिन अगर वह अस्पष्ट और टूटी रेखा है तो बच्चें के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली हो सकती हैं.
इसी के साथ संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं और अगर पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है जातक को संतान प्राप्ति में दुख होंगे. इस तरह से रेखाएँ आपके भविष्य के बारे में बहुत कुछ बता देती हैं जो आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं.
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