तुर्क शिक्षकों पर मंडरा रहा रोजगार और विस्थापन का संकट
तुर्क शिक्षकों पर मंडरा रहा रोजगार और विस्थापन का संकट
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लाहौर : पाकिस्तान में इन दिनों हालात बेहाल नज़र आ रहे हैं स्थिति यह है कि यहां रहने वाले करीब 100 से अधिक तुर्की शिक्षकों और उनके परिजन को पाकिस्तान से जाने के लिए कहा गया है। ऐसे में तुर्की मूल के पाकिस्तान में रहने वाले शिक्षकों पर संकट गहरा गया है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन को प्रसन्न करने के लिए पाकिस्तान द्वारा इस तरह का कदम अपनाया गया हैं।

गौरतलब है कि करीब 108 तुर्क शिक्षक पाकिस्तानी - तुर्क विद्यालयों में अध्ययन करवा रहे हैं। एर्दोआन प्रशासन ने इस मामले में अपील की है कि शिक्षकों और उनके परिजन को वीज़ा विस्तार देने से इन्कार कर दिया गया। जिसके बाद इन परिवार के सदस्यों पर पाकिस्तान में रहना मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर यह बात सामने आई है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचप एर्दोआन को प्रसन्न करने के लिए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है।

इस मामले में पाकिस्तान के तुर्क शिक्षा फाउंडेशन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष आलमगीर खान द्वारा कहा गया कि पाकिस्तान में अमेरिका में रहने वाले मौलवी फतहुल्लाह गुलेन की ओर से जो स्कूल पाकिस्तानी तुर्क स्कूल चलाए जा रहे थे उनके बंद हो जाने से अब इनमें अध्ययन करने वाले और अध्यापन करने वाले परेशान हैं।

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