नईदिल्ली। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी और पाकिस्तान में मौत की सजा के निर्णय के बाद वैश्विक स्तर पर चर्चा में आए कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए देश में हर तरह के प्रयास हो रहे हैं। देशभर में पाकिस्तान की कार्रवाई को लेकर आक्रोश है। हालात ये हैं कि सड़कों पर कुलभूषण यादव के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं। दूसरी ओर भारत कूटनीतिक और राजनीतिक प्रयास कर रहा है लेकिन भारत के उच्चायुक्त द्वारा पाकिस्तान से कुलभूषण यादव से चर्चा करने की अपील की गई थी जिसे पाकिस्तान ने नकार दिया।
ऐसे में भारत ने अपना रूख सख्त किया और यह निर्णय लिया कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर की वार्ता नहीं करेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि कथित तौर पर भारत के जासूस कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आईईडी से हमला और शियाओं पर होने वाले हमले समेत करीब 7 आरोप हैं। जिनमें ग्वादर और तुरबत में आईईडी व ग्र्रेनेड हमले को प्रायोजित करने के निर्देश का आरोप लगाया गया है।
ग्वादर जिले में जिवानी बंदरगाह के सामने समुद्र में रडार स्टेशन और नौकओं पर हमला करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल पाकिस्तान, बलूचिस्तान के युवाओं को अलगाव के लिए उकसाने का आरोप कुलभूषण पर लगाया गया है। तुरबत, पुंजगुर,ग्वादर, पसनी और जिवनी में वर्ष 2014 2015 के तहत सुरक्षा दस्ते पर देश विरोध तत्व को उकसाने का आरोप लगाया गया है।
जहां पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा था कि वे कुलभूषण जाधव के मामले में दबाव में नहीं आऐंगे। तो दूसरी ओर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि यदि पाकिस्तान ने कुलभूषण को लेकर कोई गलत कदम उठाया तो इसे सुनियोजित हत्या माना जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी पाकिस्तान के प्रति अपना विरोध जताया था।
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