इस्लामाबाद : पाकिस्तानी सरकार ने उन बलूच नेताओं पर नकेल कसना शुरू कर दी है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुये बलूचिस्तान की आजादी की वकालत की थी। लगता है कि मोदी के उस दांव से पाकिस्तान बौखला गया है, जिसे मोदी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से भाषण देते हुये चला था। मोदी ने पाकिस्तानी कब्जे वाले बलूचिस्तान के हालातों को सार्वजनिक रूप से बया किया था।
बलूचिस्तान के लोगों पर पाकिस्तानी सेना और पुलिस द्वारा किये जा रहे अत्याचारों का मामला मोदी ने उठाया था वहीं कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताते हुये पाक अधिकृत कश्मीर को भी भारत का अंग बताने की हिम्मत मोदी ने की थी। चुंकि मोदी ने पाकिस्तान की दुखती रग पर हाथ रखा था, इसलिये बलूचिस्तान के नेताओं ने मोदी की तारीफ के पुल बांधना शुरू कर दिये, परंतु पाकिस्तानी सरकार को यह नागवार गुजर रहा है और इसके चलते बलूच नेताओं के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिये है।
जिन बलूच नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज होने की जानकारी सामने आई है, उनमें बनुक करीमा बलूच, हरबियार मर्री और ब्राह्मदग बुगती समेत अन्य वे नेता शामिल है, जिन्होंने मोदी के बयान पर सार्वजनिक रूप से प्रसन्नता व्यक्त की थी।
इन सभी बलूच नेताओं के खिलाफ पांच-पांच प्रकरण दर्ज किये गये है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने बलूचिस्तान के साथ ही गिलगित का मामला भी स्वतंत्रता दिवस पर दिये गये भाषण के दौरान उठाया था। इसके बाद से ही बलूच के नेताओं ने मोदी के बयान की तारीफ करना शुरू कर दी थी।