2019 में 4,196 घंटे इंटरनेट बंद रहने के कारण 92 अरब रुपये का हुआ नुकसान
2019 में 4,196 घंटे इंटरनेट बंद रहने के कारण 92 अरब रुपये का हुआ नुकसान
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वर्ष 2019 में देश के कई हिस्सों में शांति बहाल करने के लेकर सरकार की तरफ से कई बार इंटरनेट बंद किया गया था । पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने वाला देश भारत ही है। इंटरनेटशटडाउंस डॉट इन के मुताबिक 2012 से लेकर 2019 तक भारत में कुल 379 बार इंटरनेट बंद किया गया है। केवल 2019 में ही 103 बार इंटरनेट को बंद किया जा रहा है। इंटरनेटशटडाउंस डॉट इन के अनुसार इंटरनेट पर सबसे अधिक प्रतिबंध जम्मू-कश्मीर में 180 बार लगाया गया है। वर्ष 2018 में देशभर में 134 बार इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा था। इंटरनेट बंद करने के मामले में जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर है, परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट बंद होने के कारण देश को कितने रुपये का नुकसान हुआ है? 
 
4,196 घंटे इंटरनेट बंद होने से लगा 92 अरब का चूना
रिसर्च फर्म Top10VPN की रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के कारण भारत को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। इंटरनेट बंद होने कारण सबसे ज्यादा यानी तीन अरब डॉलर यानी लगभग 2 खरब 12 अरब, 72 करोड़, 85 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं भारत को लगभग 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 92 अरब 18 करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2019 में भारत में 100 बार इंटरनेट बंद हुआ जो कि करीब 4,196 घंटे के बराबर है। केवल कश्मीर में 1.1 बिलियन डॉलर यानी करीब 78 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

पांच महीने में जम्मू-कश्मीर में 51 बार इंटरनेट बंद हुआ
अगस्त 2019 से लेकर अभी तक जम्मू-कश्मीर करीब 51 बार इंटरनेट बंद हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट समेत कई पाबंदियों के विरुद्ध दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने फैसले में कहा है कि जम्मू कश्मीर सरकार एक सप्ताह के भीतर सभी प्रतिबंधात्मक आदेशों की समीक्षा करे। कोर्ट ने प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा। साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन से प्रतिबंध लगाने के सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने और उन्हें सार्वजनिक करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत एक मौलिक अधिकार है।

केरल ने इंटरनेट को मौलिक अधिकार में किया शामिल
रोटी, कपड़ा और मकान के साथ इंटरनेट को मौलिक अधिकार में मौजूद करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है। मार्च 2017 में केरल ने अपने बजट में 20 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त में इंटरनेट मुहैया कराने का लक्ष्य रखा था। इसके अलावा 6 नवंबर, 2019 को राज्य की कैबिनेट ने एक बैठक में इसे अंतिम मंजूरी दे दी। इंटरनेट मौलिक अधिकार के जरिये केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क (KFON) परियोजना पर करीब 1,548 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। योजना को पूरा करने का लक्ष्य 2020 है।

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