Jan 04 2016 12:06 PM
नई दिल्ली : 2011 में हुई जनगणना के बाद देश में धर्म आधारित कामकाज के आंकड़े सार्वजनिक किए गए। इसके अनुसार मुसलमानों की कुल आबादी का 33 प्रतिशत हिस्सा ही काम करता है। देश का राष्ट्रीय औसत 40 प्रतिशत है, यह प्रतिशत उससे भी कम है। जैन और सिख समुदाय का आंकड़ा 36-36 प्रतिशत का है। देश में आबादी भले ही हिंदुओं की सबसे ज्यादा हो, लेकिन सबसे ज्यादा कामकाजी लोग बौद्ध धर्म के है।
बौद्ध धर्म को अपनाने वालों में ज्यादातर दलित है। हिंदुओं के कामकाजी होने का प्रतिशत 41 है। 2011 में और इससे 10 साल पहले की गई जनगणना में कुछ बड़ा फर्क नही आया है। देश में रोजीरोटी के लिए काम करने वालों की संख्या 48.20 करोड़ है। यह कुल आबादी का 40 फीसदी हिस्सा है।
इनमें से 55 प्रतिशत कृषि करते है जब कि 41.2 प्रतिशत इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर से जुड़े है। कुल कामकाजी पुरुषों का प्रतिशत 53 है जब कि 26 प्रतिशत महिलाएं काम करती है। मुस्लिम और सिखों में कामकाजी महिलाएं केवल 12 फीसदी है। हिंदुओं में 27 फीसदी, तो ईसाइयो में 31 फीसदी और बौद्धधर्म में 33 फीसदी महिलाएं कामकाजी हैं।
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