नई दिल्ली : कोई सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो जाता है तो भी आते-जाते लोग मानवीयता को दरकिनार करने से चुकते नहीं है। लोग यह सोचते है कि कहीं कोई मुसीबत उनके गले नहीं पड़ जाये और यही कारण होता है कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति सड़क पर ही पड़ा रहकर तड़पता रहता है और जब तक पुलिस नहीं पहुंचती उसे मदद नहीं मिलती। हां इस बीच उसकी मौत भी हो सकती है, लेकिन लोगों का दिल बिल्कुल भी पसीजता नहीं है। इसका एक बार फिर दिल्ली में उदाहरण सामने आया है। जिस मामले का जिक्र यहां किया जा रहा है, उसने दिल्ली में इंसानियत को दफन करने का ही कार्य किया है।
बताया गया है कि सुभाष नगर क्षेत्र में सड़क दुर्घटना में मतिबुल नामक व्यक्ति बुरी तरह से घायल होकर बीच रास्ते में पड़ा रहा। उसने मदद के लिये राह से गुजरने वाले लोगों से मदद की गुहार की, परंतु लोगों ने ध्यान ही नहीं दिया और अंततः मतिबुल को मौत खींचकर अपने साथ ले गई। लोगों ने मदद नहीं की, यहां तक तो ठीक रहा, लेकिन हद तो उस वक्त हो गई, जब मृतक व्यक्ति का मोबाइल ही कोई चुराने से बाज नहीं आया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन की।
पुलिस को जानकारी लगी है कि मतिबुल पश्चिम बंगाल का रहने वाला होकर दिल्ली में कहीं नौकरी करता था। वह अपनी ड्यूटी पूरी कर रात के समय घर जा रहा था तभी पीछे से तेज गति से आने वाले एक टेम्पों ने उसे जोरदार टक्कर मारकर घायल कर दिया। यदि समय रहते कोई उसे अस्पताल ले जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन दिल्ली के लोगों ने मानवीयता को दरकिनार करना ही उचित समझा। ऐसे मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके है, जिसमें मदद करने की जरूरत थी, लेकिन लोग आते-जाते देखते रहते है, मगर मदद के लिये हिम्मत नहीं जुटा पाते है।
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