कोलकाता: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने रणनीति बनानी आरम्भ कर दी है। जी दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिन ही बनगांव का दौरा किया। इस दौरान ममता ने मतुआ समुदाय के बारे में बात की। वैसे आपको याद हो तो करीब एक महीने पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी मतुआ समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। आप जानते ही होंगे चुनाव को देखते हुए इन दिनों टीएमसी और बीजेपी की जंग तेज हो रही है।
अब बीते कल नागरिकता संशोधन एक्ट का हवाला देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, 'सभी मतुआ इस देश के नागरिक हैं, आपको किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हमारे राज्य में CAA, NRC या NPR लागू नहीं होगा। बीजेपी बंगाल को गुजरात बनाना चाहती है, जो हम होने नहीं देंगे।' वैसे हम आपको यह भी बता दें कि मतुआ समाज की लंबे वक्त से मांग रही है कि उन्हें परमानेंट सिटिजनशिप चाहिए। जी दरअसल अब भी उन्हें SC कास्ट में ही गिना जाता है, मतुआ समाज वो हैं जो बांग्लादेश के बनने के वक्त वहां से बंगाल में आ बसे थे। जी दरअसल मुख्य रूप से बंगाल में नॉर्थ और साउथ 24 परगना में इनकी बसावट है और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी SC जाति की जनसंख्या है।
वैसे आप सभी जानते ही होंगे मतुआ समाज पर बीजेपी की लंबे वक्त से नजर रही है, पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में अपने कैंपेन की शुरुआत इसी इलाके से की। उसके बाद बीते महीने अमित शाह भी मतुआ समाज के मंदिर में पहुंचे और लोगों के घर जाकर मुलाकात की। अब बीजेपी के बाद टीएमसी भी इसी तरफ झुकती हुई नजर आ रही है। बीते दिनों ही ममता की तरफ से यह ऐलान कर दिया गया है कि, '2021 से हरिचंद ठाकुर की जयंती पर हर साल सरकारी छुट्टी रहेगी। साथ ही उनके नाम से कुछ योजनाएं शुरू की जाएंगी।'
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