बीमार पत्नी को गुजारा भत्ता देना नही हो सकता तलाक का आधार : SC
बीमार पत्नी को गुजारा भत्ता देना नही हो सकता तलाक का आधार : SC
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विवाह के पवित्र बंधन को तोड़ने के मामले में एक अहम फैसला लिया है। सर्वोच्च न्यायलय ने तलाक ले रहे एक मामले में कहा कि बीमार पत्नी से सेटलमेंट के जरिए तलाक लेना पूरी तरह गलत है। पैसों की जरूरत के आधार पर समझौता कर शादी खत्म नहीं की जा सकती। कोर्ट ने गुरुवार को अपने निर्णय में कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट के मुताबिक एक पति की यह ड‍्यूटी है कि वह बीमारी के वक्त अपनी पत्नी की सभी जरूरतें पूरी करे।

जस्टिस एम वाई इकबाल और सी नागप्पन की बेंच ने कहा कि पत्नी की इलाज में होने वाला खर्च तलाक के लिए समझौते का आधार नही हो सकता है। यह फैसला कोर्ट ने उस फैसले के खिलाफ सुनाई जिसमें एक महिला अपने पति से 12.5 लाख रुपए लेकर तलाक देने को तैयार हो गई थी। महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी और उसे इलाज के लिए 5 लाख रुपए की जरुरत थी।

कोर्ट ने कहा कि यह पति की जिम्मेदारी है कि वो अपनी बीमार पत्नी की चिंता करे, उसका इलाज कराए और उसकी सभी जरुरतों का ख्याल रखे। पत्नी के राजी होने पर बी पति उसे अकेला नही छोड़ सकता। कोर्ट ने कहा कि हिंदू परंपरा के अनुसार किसी महिला का पति उसके लिए भगवान होता है।

पत्नी निःस्वार्थ भाव से अपने पति की सेवा करती है। ऐसे में जब पत्नी को अपने पति की सबसे ज्यादा जरुरत है जब वो उसे अकेला नही छोड़ सकता। सुप्रीम कोर्ट ने पति को बीमार पत्नी के इलाज के लिए 5 लाख रुपए देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई तब होगी जब महिला अपनी बीमारी से पूरी तरह ठीक हो जाए।

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