निर्भयाः दोषियों के वकील की नई चाल, लोगों के दिल में एक ही सवाल क्या फिर टल जाएगी फ़ासी ?
निर्भयाः दोषियों के वकील की नई चाल, लोगों के दिल में एक ही सवाल क्या फिर टल जाएगी फ़ासी ?
Share:

नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले 8 वर्ष से लगातार चल रहे निर्भया के केस में फिर से नया मोड़ सामने आता नज़र आ रहा है. वहीं इस बार  निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने एक बार फिर 3 मार्च 2020 को होने वाली फांसी टालने के लिए एक नई चाल चल दी  है. उन्होंने बड़ी ही चालाकी से पहले तो पवन का केस बीच में छोड़ दिया और कहा कि उसे दूसरा वकील दिया जाए. जब अदालत ने पवन को दूसरा वकील दिया तो पवन ने उससे बात नहीं की. जब फांसी में सिर्फ तीन दिन रह गए तो एपी सिंह दोबारा पवन के वकील बन गए और कुछ ऐसा किया जिससे तीन मार्च को होने वाली फांसी का टलना लगभग तय है. चारों दोषियों में से पवन ही ऐसा दोषी है जिसके पास अभी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का कानूनी विकल्प बचा हुआ है. तीन मार्च को फांसी है और 17 फरवरी को तीसरा डेथ वारंट जारी हुआ था. इतने दिन बीत गए लेकिन पवन ने अपने किसी कानूनी विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया और अब जब 3 दिन बचे हैं तो फांसी टालने के लिए याचिका डालने के साथ ही क्यूरेटिव पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट में डाल दी. यह सब पवन के वकील की तिकड़म है.

मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि पहले वकील एपी सिंह ने पवन का केस लड़ने से मना किया फिर अदालत ने पवन को नया वकील रवि काजी उपलब्ध कराया. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि बाद में पवन ने रवि काजी से मिलने से ही इनकार कर दिया और बचे विकल्प भी इस्तेमाल नहीं किए. अंत में जाकर वकील एपी सिंह ने दोबारा पवन का केस अपने हाथ में ले लिया और क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी ताकि चारों दोषियों की 3 मार्च 2020 को होने वाली फांसी टल जाए. दरअसल नियम है कि अगर किसी भी एक दोषी की कोई याचिका लंबित है तो चारों दोषियों को फांसी नहीं हो सकती.

वहीं यह भी कहा जा रहा है कि कानून के इसी लूपहोल का फायदा उठाते हुए एपी सिंह ने अंत में आकर ये याचिका डाली है ताकि तीसरी बार दोषियों की फांसी टल जाए. हालांकि अब सभी निगाहें 5 मार्च 2020 को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं. जिसमें अदालत यह फैसला करेगी कि दोषियों को अलग-अलग फांसी होगी या एक साथ. वहीं इस बार अगर अदालत एक साथ फांसी का फैसला सुनाती है तो दोषियों की फांसी मार्च के अंत तक के लिए टल सकती है. इसकी वजह ये है कि अभी क्यूरेटिव पिटीशन डाली गई है फिर दया याचिका दायर की जाएगी. नियम है कि दया याचिका राष्ट्रपति द्वारा खारिज होने के बाद दोषी को 14 दिन का समय मिलता है. उसके बाद ही फांसी हो सकती है. ऐसे में दोषियों की फांसी मार्च अंत तक के लिए टल सकती है.

अब सड़क हादसे के घायलों को मिलेगा मुफ्त उपचार, ये है सरकार की योजना

घर को सूना छोड कर जा रहे है बाहर, तो पुलिस करेगी निगरानी

दुष्कर्म के बाद सपेरे की बेटी की हत्या, खेत में पड़ा मिला खून से लथपथ शव

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -