NIA अधिकारी तंजील अहमद हुए सुपुर्द-ए-खाक, लगे यूपी व केजरावील मुर्दाबाद के नारे
NIA अधिकारी तंजील अहमद हुए सुपुर्द-ए-खाक, लगे यूपी व केजरावील मुर्दाबाद के नारे
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बिजनौर : राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अफसर तंजील अहमद को जामिया कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। शनिवार की रात को जब वो एक शादी समारोह से लौट रहे थे, तो बदमाशों ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर के पास गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। अहमद को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए और यूपी सरकार हाय-हाय भी की। साथ ही तंजील अहमद अमर रहे के भी नारे गूंजे।

अहमद के जनाजे में किसी भी राजनीतिक हस्ती की गैर मौजूदगी से भी लोग खफा थे। बाद में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल वहां पहुंचे, तो लोगों ने उनसे 5 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की। इसके बाद भी उन्होने कोई ऐलान नहीं किया। थोड़ी देर बाद केजरीवाल वहां से चलते बने, तो लोगों ने केजरीवाल मुर्दाबाद के नारे लगाए। हालांकि बाद में उन्होंने डीएसपी के परिजनों को एक करोड़ रुपये और एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया।

एनआईए के आईजी ने बताया कि तंजील अहमद को शहीद का दर्जा दिया गया और उन्होने कहा कि शहीद के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। सीमा सुरक्षा बल ने परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने की घोषणा की है। दो बदमाशों ने एनआईए के डिप्टी एसपी व उनकी पत्नी को गोली मारी थी। एसपी की मौके पर ही मौत हो गई जब कि उनका पत्नी अस्पताल में है। इस मामले की जांच से जुड़़े बरेली के आईजी ने बताया कि हमलावर आधे घंटे से तंजील की गांड़ी का पीछा कर रहे थे।

जांच के लिए 6 टीमें लगाई गई है। राजनाथ सिंह ने यूपी सरकार से कानून-व्यवस्था में सुधार लाने को कहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं अपेक्षा करता हूं कि यूपी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार लाएगी। हमारी टीम वारदात की जगह पर गई है और सारी जानकारी जुटा रही है।

एनआईए के आईजी संजीव कुमार ने बताया कि एक प्रायोजित हमले में हमारे बहादुर अधिकारी की जान चली गई जब कि उनकी पत्नी जख्मी है। उन्होने बताया कि यूपी पुलिस, एनआईए व एटीएस मामले की जांच कर रही है। शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, तंजील पर 9 एमएम की 24 गोलियां चलाई गई थीं।

पोस्टमार्टम के दौरान उनकी डेडबॉडी से 12 गोलियां निकाली गईं। 9 गोलियां आर-पार हो गई थीं, जबकि 3 छूकर निकल गई थी। वो बीएसएफ से डेपुटेशन पर एनआईए में आए थे। वो अच्छथी उर्दू के जानकार थे, इसलिए पठानकोट हमले की जांच में उनकी मदद ली गई थी, लेकिन वो जांच में सीधे तौर पर नहीं जुड़े थे। रविवार को उनका पार्थिव शरीर उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया।

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