बेंगलुरू : हाल ही में पौधों को विकसित किए जाने के लिए यूरिन के उपयोग को बेहतर बनाने के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के तर्क को हाल ही में एक एनजीओ ने समर्थन दिया है। जिसमें कहा गया है कि मानव मूत्र का उर्वरक या खाद के तौर पर अच्छा उपयोग किया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार इंफोसिस के पूर्व सीईओ नंदन नीलेकणी की पत्नी रोहिणी नीलेकणी द्वारा स्थापित किए गए शहर के लोकप्रिय एनजीओ अघ्र्यम ने गडकरी की बात का समर्थन किया। मिली जानकारी के अनुसार इस बात के प्रमाण मिले हैं कि मानव मूत्र पेड़- पौधों के लिहाज से पोषक तत्वों से भरा होता है अच्छे उर्वरकों के तौर पर यह बेहद उपयोगी होता है।
कुछ अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि बेंगलुरू के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग में मानव मूत्र पर अनुसंधान परियोजना में अघ्र्यम ने भी अपना योगदान दिया था।
मामले में प्रो. सीए श्रीनिवासमूर्ति के निर्देशन में श्रीदेवी नाम की शोधार्थी ने इस मसले पर शोध किया। उन्होंने मानव मूत्र के उपयोग को लेकर पीएचडी की। वर्ष 2008 में उन्होंने शोध को सबमिट किया। जिसमें पाया गया कि मानव मूत्र से मिट्टी और पौधों को पोषक तत्व मिल सकते हैं। इस तरह का परीक्षण मक्क, केले और मूली की फसल को बढ़ाने में सहायक साबित हुआ।
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