नए म्यूटेशन से बढ़ रहा संक्रमण का संकट, सावधान रहने की जरूरत
नए  म्यूटेशन से बढ़ रहा संक्रमण का संकट, सावधान रहने की जरूरत
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कई बार म्यूटेशन के उपरांत वायरस पहले से कमजोर हो जाता है। वहीं कई बार म्यूटेशन की ये प्रक्रिया वायरस को बहुत खतरनाक बना देती है। ऐसे में ये जब होस्ट सेल यानी हमारे शरीर की किसी कोशिका पर वर करते हैं तो कोशिका कुछ ही घंटों के अंदर वायरस की हजारों कॉपीज बना देते है। इससे शरीर में वायरस लोड तेजी से बढ़ता है और मरीज जल्दी ही बीमारी की गंभीर अवस्था में आ चुके है।

फिलहाल हेल्थ एक्सपर्ट केवल सहित रहने और जरूरत न होने पर बाहर न निकलने का अनुरोध किया हैं। इस दौरान जानने का प्रयास हुई कि अब तक देश में कितने वेरिएंट दिखे हैं। जंहा इस बात का पता चला है कि कोविड संक्रमण के साथ ही देश में विशेषज्ञों की एक टीम ने कार्य करना शुरू किया, जिसका मकसद वेरिएंट के बारे में ही पता लगाना है। इसे SARS-CoV-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (INSACOG) बोला गया। इसके तहत 10 राष्ट्रीय स्तर के लैब काम करते हुए वायरस के जीनोम सीक्वेंस को समझ रहे हैं। इसी टेस्ट के बीच पता चला कि देश में अब तक वायरस के 771 वेरिएंट दिखे हैं। इनमें से भी डबल म्यूटेंट हाल ही में दिखा है।

जिसके उपरांत से रिसर्च चल रही है कि क्या वायरस में हुआ ये म्यूटेशन अधिक घातक या फिर संक्रामक है। या फिर क्या वैक्सीन की क्षमता इससे कमजोर पड़ चुकी है।  जंहा यह भी कहा जा रहा है कि फिलहाल देश में टीकाकरण अभियान जोरों पर है और 1 करोड़ से भी अधिक लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज दिए जा चुके। टीकाकरण से जुड़ी कोई भी नई सूचना सरकारी वेबसाइटों पर निरंतर अपडेट हो रही है और इसकी जानकारी हॉस्पिटल में भी दी जा रही है ताकि टीकाकरण में किसी तरह बाधा न आए।

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