नेपाल सरकार से 2 पार्टियों ने समर्थन लिया वापस
नेपाल सरकार से 2 पार्टियों ने समर्थन लिया वापस
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नेपाल: नेपाल में वर्तमान सरकार के लिए मुसीबत कम होने का नाम नही ले रही हैं. सत्ता से बेदखल होने जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के लिए एक और मुसीबत खड़ी हो गयी हैं. वही सरकार से समर्थन वापस लेने वाली पार्टियों से और बड़ी मुसीबत सामने आ सकती हैं.

वही नेपाल में राजनितिक बिसात की वजह से संकटो से घिरता जा रहा हैं. वही इसका प्रभाव व्यापारिक मतों पर भी पड़ रहा हैं. राष्‍ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के एक सीनियर अधिकारी किरण गिरी ने बताया कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के कारण हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं. उनका इशारा पार्टी के उस निर्णय की ओर है जो ओली के गठबंधन को खत्म करने के लिए लिया गया हैं.

मधेशी जनाधिकार फोरम नेपाल (डेमोक्रेटिक) पार्टी ने भी सरकार से गठबंधन तोड़ देने कि आधिकारिक घोषणा कर दी हैं. साथ ही दोनों पार्टियों ने विपक्ष को समर्थन देने कि भी बात कि हैं. अपना पहला रिपब्‍लिकन संविधान अपनाने के बाद से यानि सितंबर से ही नेपाल संकट से जूझ रहा है. 

वही प्रधानमंत्री केपी ओली कि पार्टी में मधेशियों को लेकर भी मतभेद हैं. वही नेपाल के माओवादियों ने सरकार से पहले ही समर्थन वापस ले लिया और ओली के इस्तीफा देने से इन्कार के बाद नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (एम) की ओर से अविश्वास प्रस्ताव की मांग की गई थी. जिसकी वजह से नेपाल में राजनितिक संकट गहराता जा रहा हैं.

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