आखिर क्यों मदद के लिए आगे आई गोरखा महिलाएं ?
आखिर क्यों मदद के लिए आगे आई गोरखा महिलाएं ?
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कोरोना वायरस का संकट पूरी तरह भारत में फैल गया है. वही, भारत-नेपाल सीमा सील होने के कारण बार्डर पर रोके गए नेपाली लोगों की मदद के लिए नेपाल की गोरखा महिलाएं आगे आई हैं. यह महिलाएं नेपाल सीमा पर बने क्‍वारंटाइन सेंटर में लोगों की मदद कर रही हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महराजगंज के नौतनवा व सोनौली में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में 306 नेपाली नागरिकों में 10 महिलाएं को जनजातीय आश्रम पद्धति विद्यालय में सुरक्षित रखा गया है. जहां रविवार को गोरखा समाज की महिलाएं पहुंच गईं उन्होंने उनकी कुशलता व आवश्यकता की जानकारी प्राप्त किया. 

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नेपाली नागरिकों को मंगलवार शाम जब अपने ही वतन में प्रवेश नहीं मिला तो नौतनवा इंटर कालेज, मार्डन एकेडमी व जनजातीय आश्रम पद्धति विद्यालय में स्थान सुनिश्चित कराया गया. जिसमें 10 महिलाओं को अलग क्वारंटाइन सेंटर पर रहने, खाने, पीने की व्यवस्था कराई गई. नेपाली महिलाओं की आपबीती गोरखा समाज की महिलाओं ने मिलकर सुनी और उनकी आवश्यक वस्तुओं का उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया. इसी दौरान सैनिक ग्राम भैया फरेंदा, जेहरी, ठूठीबारी गोरखा समाज के लोगों ने भूतपूर्व सैनिक मनोज राना को 306 नेपाली नागरिकों के लिए खाद्यान्न सामाग्री उपलब्ध कराई. इस दौरान सुनीता राना, सुमन राना, हवलदार अनिल राना, हवलदार अजय राना आदि मौजूद रहे.

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