इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही समग्र वार्ता की पहल के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने मंत्रियों को सलाह दी है कि वो भारत के खिलाफ बयानबाजी न करें। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शरीफ की इस नसीहत के पीछे का कारण भारत के साथ होने वाली शांति वार्ता है। उनका कहना है कि इस तरह की कोई बयानबाजी न की जाए जिससे ये वार्ता प्रभावित हो।
शरीफ के एक करीबी सूत्र ने बताया कि मंत्रियों और सीनियर ऑफिसरों को इस बाबत सख्त हिदायत दी गई है। इससे संबंधित एक समाचार द नेशन में प्रकाशित की गई है, जिसमें अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि शरीफ ने अपने मंत्रियों से कहा है कि वो गड़े मुर्दे उखाड़ने की बजाए सिर्फ वही बयान दे, जिससे वार्ता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद मिले। शरीफ भारत के साथ अच्छे संबंधों को लेकर आशान्वित है।
उनका मानना है कि यह पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा। दोनो पक्षों से बातचीत के दौरान शरीफ कश्मीर, आतंकवाद और व्यापार के मसले को वरीयता देना चाहते है। इस मामले में शरीफ और सैन्य नेतृत्व दोनो एकमत है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तानी पीएम शरीफ की पेरिस में मुलाकात हुई। इसके बाद दोनो देशों सुरक्षा सलाहकारों ने इस मसले पर बैंकॉक में चर्चा की।
इसके बाद हार्ट ऑफ एशिया में भाग लेने के लिए सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थी, तब भी बातचीत का दौर आगे बढ़ा था। स्वराज ने सम्मेलन से इतर शरीफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात भी की थी। उम्मीद है कि जनवरी में शरीफ और मोदी स्विटजरलैंड में मुलाकात भी करेंगे। दोनों नेता दावोस-क्लोस्टर्स में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 46वीं वार्षिक बैठक में 20 जनवरी को मिलेंगे।