शुक्रवार को बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका तसलीमा नसरीन ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 (सीएए) को बहुत अच्छा और उदार बताया है. उन्होंने इस कानून में मुस्लिम समुदाय, मुक्त विचारक और नास्तिक को भी शामिल करने का सुझाव दिया, जिन्हें पड़ोसी देशों में सताया जाता है. उन्होंने यह बात केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कही.
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इस मामले को लेकर तसलीमा नसरीन ने लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन कहा 'बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देना अच्छा है. लेकिन मेरे जैसे लोग भी नागरिकता के हकदार हैं. उन्हें भारत में रहने का अधिकार है. सीएए एक बहुत अच्छा विचार है और बहुत ही उदार है.'
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तसलीमा नसरीन ने इस दौरान यह भी कहा कि इस्लाम को और अधिक लोकतांत्रिक और निर्मल होना चाहिए. हमें और अधिक मुक्त विचारकों की आवश्यकता है. समान नागरिक संहिता समानता पर आधारित होनी चाहिए, न कि धर्म पर. मुस्लिम 'नास्तिक ब्लॉगर्स' का हवाला देते हुए, जो कुछ साल पहले बांग्लादेश में संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे तसलीमा ने कहा 'इनमें से कई ब्लॉगर अपनी जान बचाने के लिए यूरोप और अमेरिका के लिए चले गए. वे भारत क्यों नहीं आ सकते? आज, भारत को और अधिक मुक्त विचारक, धर्मनिरपेक्षतावादी, मुस्लिम समुदाय से नारीवादी लोगों की आवश्यकता है.'
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