छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति में होगा बदलाव
छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति में होगा बदलाव
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नई दिल्ली : पांचवीं और आठवीं कक्षा के जो छात्र जो बिना उत्तीर्ण हुए कक्षोन्नत होकर अगली कक्षा में पहुँच जाते थे उनके लिए यह खबर तकलीफदायक है कि केंद्र सरकार ने छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल न करने की नीति को खत्म करने की तैयारी करते हुए कैबिनेट ने इससे जुड़े प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. अब पांचवीं -आठवीं के छात्रों को परीक्षा पास करने के बाद हीअगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि सरकार नो डिटेंशन नीति को खत्म करके 'बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा संशोधन विधेयक' लाएगी.इसमें पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने का प्रावधान फिर से जोड़ा जाएगा. इसमें जो छात्र असफल होंगे उन्हें दूसरा मौका मिलेगा . उसमें भी फेल होने पर छात्रों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही फिर से पढ़ाई करनी पड़ेगी . इस विधेयक को जल्द ही संसद में पेश किये जाने की तैयारी है .उल्लेखनीय है कि 2010 में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल-पास के झंझट से मुक्त कर दिया गया था.

बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने देश भर में 20 विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान खोलने वाले प्रस्ताव को भी स्वीकृत कर दिया. इसके अलावा कैबिनेट नेअनिवासी भारतीयों (एनआरआई ) के लिए प्रॉक्सी मतदान से जुड़े प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी .इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन किया  जाएगा. अब एनआरआई को भी प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार  मिल जाएगा. फिलहाल यह अधिकार सिर्फ जवानों के पास है.

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