छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे और चुनावी ड्यूटी पर तैनात जवानों के शराब पर लेकर जाने पर सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने प्रतिबंध लगा दिया है. तनाव कम करने लिए योग शुरू कराने के साथ ही कम्युनिटी प्रोग्राम में भी जवानों को भेजा जा रहा है.
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हाल ही में रांची में चुनाव ड्यूटी में तैनात सीआरपीएफ जवान ने नशे की हालत में गोली चलाई, जिसमें जवानों की मौत हुई. इसके बाद सीआरपीएफ ने इस पर रोक लगाने का फैसला किया है. छत्तीसगढ़ में भी आइटीबीपी के जवान ने छह साथी जवानों को गोली मार दी थी. तनाव की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सेंट्रल फोर्स ने शराब पर रोक लगाई है.
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सीआरपीएफ के आला अधिकारियों ने बताया कि जवानों में जंगलों में रहने के दौरान तनाव बढ़ जाता है. बढ़ते तनाव की वजह से कई जवान शराब के आदी हो जाते हैं और कई बार तनाव इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं.इसलिए जवानों और अफसरों को तनाव मुक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. कैंपों में मेंटल वैलनेस वीक आयोजित किए जा रहे हैं. इसमें मनोवैज्ञानिकों, आर्ट ऑफ लीविंग, ध्यान विशेषज्ञों व योग शिक्षकों की मदद से जवानों और अफसरों को तनावमुक्त किया जा सके. शराब के सेवन को कम करने के लिए मेंटल हेल्थ स्ट्रेस मैनेजमेंट और साइकोसोमैटिक इलनैस (मनो शारीरिक रोगों) की उपचार विधि का इस्तेमाल किया जा रहा हैं.
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