बॉलीवुड के बेहतरीन निर्देशकों में शुमार नासिर हुसैन की आज यानि 13 मार्च को पुण्यतिथि है. उनका देहांत 13 मार्च 2002 को हुआ था. उनेक निधन का कारण था दिल का दौरा, जिसके चलते वो दुनिया को अलविदा कह गए. नासिर हुसैन ने बॉलीवुड को कई यादगार फिल्में दी हैं. विशुद्ध मसाला फिल्में बनाने की शुरुआत करने का श्रेय इन्हीं को जाता है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनके बारे में कुछ खास बातें.
सबसे पहले आपको बता दें, नासिर हुसैन का फिल्मी सफर एआर कारदार जैसी शख्सियत के साथ शुरू हुआ और वह फिल्मिस्तान के साथ बतौर लेखक जुड़ गए. उन्होंने 'अनारकली', 'मुनीमजी' , 'पेइंग गेस्ट' जैसी फिल्में लिखीं, जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया. इसके बाद उन्होंने निर्देशन में उतरने का फैसला किया. उनकी फिल्में दर्शकों को बेहद पसंद आती थी और उनके लिखने का तरीका बेहद ही अलग था.
जानकारी दे दें, 3 फरवरी 1931 को पैदा हुए नासिर हुसैन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' थी. इस फिल्म से बॉलीवुड को शम्मी कपूर के रूप में नया हीरो मिला जिन्होंने नायक की पारंपरिक छवि को हटा दिया. इस फिल्म के बाद शम्मी कपूर बहुत बड़े स्टार के रूप में सामने आये. फिल्म हिट साबित हुई और साथ ही इसके गीत भी काफी पॉपुलर हुए थे. फिल्मों के जनक तो शशिधर मुखर्जी हैं जिन्होंने शुरूआती दौर में ऐसी फिल्में बनाईं, मगर नासिर साहब इन फिल्मों को एक अलग और बड़े लेवल पर ले गए. मल्टीस्टारर फिल्मों का ट्रेंड शुरू करने का श्रेय भी नासिर साहब के नाम ही है.
1973 में आई मल्टीस्टारर फिल्म 'यादों की बरात' बेहद हिट रही थी. इस फिल्म में धर्मेन्द्र, नीतू सिंह, विजय अरोड़ा, जीनत अमान ने काम किया था और फिल्म के गाने तो आज भी लोगों के दिलो दिमाग पर छाए हुए हैं. नासिर हुसैन फ़ॉर्मूला फिल्में बनाते थे और उन्हें मालूम था कि दर्शकों को क्या पसंद आता है. यही से ट्रेंड शुरू हुआ था मल्टी स्टारर फिल्म का. उन्होंने सिनेप्रेमियों के मिजाज को ध्यान में रखकर कई बेहतरीन फिल्में बनाई.