भोपाल: मध्यप्रदेश में एक ओर विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है तथा दूसरी ओर अपने बयानों से हमेशा ख़बरों में रहने वाले पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक उमंग सिंघार के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने मध्यप्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग की है। सिंघार के बयान के पश्चात् जहां कांग्रेस में खलबली मच गई है, वही भारतीय जनता पार्टी हमला करने से नहीं चूक रही है।
इस मुद्दे को लपकते हुए भाजपा ने भी इसे उमंग सिंघार के मन की पीड़ा बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि यह उमंग सिंघार के मन की पीड़ा है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आजादी के 75 वर्षों में राष्ट्रपति के पद पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की बहन को बैठाने का काम किया है।हमारी बहन द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर इसलिए उनके मन की पीड़ा है। कांग्रेस आदिवासियों को वोट बैंक मानती है। ये उनके मन की पीड़ा का उद्गार है। उमंग सिंघार वक़्त-वक़्त पर दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को आइना दिखाते रहते हैं।
वही पूर्व मंत्री उमंग सिंघार का गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी समर्थन करते हुए कहा कि उमंग सिंघार वक़्त-वक़्त पर बेबाकी के साथ सही बात जनता के बीच रखते आए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ MLA उमंग सिंघार जी के आदिवासी सीएम बनाए जाने की मांग पर कमलनाथ जी को जवाब देना चाहिए। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए उमंग सिंघार जी ने ही चचाजान दिग्विजय सिंह जी को सबसे बड़ा भ्रष्ट और सबसे बड़ा माफिया बताया था। बता दे कि मध्य प्रदेश में वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव होने है। राज्य में 230 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 47 सीटें आदिवासी बहुल्य हैं। इन सीटों पर आदिवासी समुदाय हार जीत का फैसला करता है।
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