धीरेंद्र शास्त्री की कथा में बोले कमलनाथ- 'बागेश्वर महाराज यहां आए, ये हम सबका सौभाग्य है'

धीरेंद्र शास्त्री की कथा में बोले कमलनाथ- 'बागेश्वर महाराज यहां आए, ये हम सबका सौभाग्य है'
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छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा का सोमवार को समापन हो गया। इस के चलते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वयं को हिंदू बताते हुए कहा कि उन्हें इसका गर्व है। साथ ही कहा कि उनका एवं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संबंध हनुमान जी से है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। 

दरअसल, सोमवार को धीरेंद्र शास्त्री की कथा का समापन था। इस के चलते समापन कार्यक्रम में कमलनाथ ने स्वयं को हनुमान भक्त बताया। साथ ही मंच से कहा कि उनका और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का संबंध हनुमान जी से है। वहीं, निरंतर उठ रहे सवालों के बीच कमलनाथ ने आज अलग-अलग धर्मों के धर्मगुरुओं को भी कथा में बुलाया था। कथा के समापन पर नकुल नाथ एवं कमलनाथ ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को जनजातीय समाज का पारंपरिक मुकुट पहनाकर अभिवादन किया। इससे पहले कमलनाथ ने धीरेंद्र शास्त्री की आरती भी उतारी थी। उन्होंने कहा था, 'बागेश्वर महाराज यहां आए, मैंने उनका स्वागत किया। उन्होंने तय किया कि उनको छिंदवाड़ा आना है, तो मैंने कहा कि मैं स्वागत करता हूं। छिंदवाड़ा की जनता का सौभाग्य होना चाहिए कि महाराज जी की कथा सुने और हम सबका सौभाग्य है कि महाराज जी छिंदवाड़ा में आए'।

वही इस पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कमलनाथ सहित कई कांग्रेस के नेताओं को घेरा है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर लिखा, मुसलमानों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने एवं RSS का एजेंडा 'हिंदू राष्ट्र' की वकालत करके संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले भाजपा के स्टार प्रचारक की आरती उतारना कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को शोभा नहीं देता। तत्पश्चात, भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा, क्या कारण है कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ द्वारा आयोजित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की राम कथा के आयोजन से कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह ,गोविंद सिंह, कांतिलाल भूरिया समेत अन्य तमाम नेताओं ने दूरी बनाई है। सलूजा ने कहा कि एक भी कांग्रेस का बड़ा नेता कमलनाथ जी के साथ इस आयोजन में दिखाई नहीं दिया। 

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