लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव कई मायनों में इस बार बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है. हिंदुआों के पलायन के मुद्दे को लेकर सुर्खियों में आया कैराना एक बार फिर चर्चाओं में है. कैराना में समाजवादी पार्टी (सपा) से प्रत्याशी नाहिद हसन की गिरफ्तारी के बाद उनकी बहन इकरा हसन ने नामांकन दाखिल कर दिया है. इकरा ने एक पर्चा समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनाव चिन्ह के साथ तो वहीं दूसरा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भरा है.
इकरा ने एहतियात के तौर पर नामांकन दायर किया है. ताकी यदि किसी सूरत में नाहिद का नामांकन रद्द होता है या वो नहीं लड़ पाते तो उनकी जगह इकरा सपा उम्मीदवार होंगी. हालांकि अभी तक नाहिद हसन का टिकट नहीं काटा गया है, न ही वह खुद चुनाव मैदान से हटे हैं. सपा ने नाहिद को शामली जिले की कैराना सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है और 14 जनवरी को नाहिद हसन ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था. नाहिद ने 15 जनवरी को गैंगस्टर एक्ट में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. मगर उनकी उम्मीदवारी पर ही सवाल इसलिए खड़े हुए, क्योंकि उन पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
जमीन खरीदने के मामले में उन पर धोखाधड़ी का भी मामला भी चल ही रहा है. शामली की विशेष कोर्ट नाहिद हसन को भगोड़ा तक घोषित कर चुकी है. यह भी आरोप है कि कैराना से जो हिंदुओं का पलायन हुआ है, उसमें भी सपा के नाहिद हसन की बड़ी भूमिका रही है. नाहिद की गिरफ्तारी के बाद उनके टिकट कटने की चर्चा चल रही थी. अखिलेश यादव ने भी इस सवाल के जवाब में कहा था कि यदि नाहिद हसन चुनाव नहीं लड़ पाए, तो उनकी जगह उनके परिवार को चुनाव लड़ाएंगे.
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